सेंसेक्स – भारत का प्रमुख शेयर बाजार संकेतक

जब हम सेंसेक्स, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख 30‑स्टॉक्स इंडेक्स है जो भारतीय इक्विटी मार्केट के स्वास्थ्य को दर्शाता है, Also known as Sensex, it serves as a barometer for investors, policymakers and media alike.

सेंसेक्स का प्रदर्शन अक्सर निफ्टी, राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज का 50‑स्टॉक्स इंडेक्स, के साथ तुलना में देखा जाता है; दोनों इंडेक्स मिलकर भारतीय शेयर बाजार की दो‑मुख्य धड़कनों को दिखाते हैं। जब सेंसेक्स में तेज़ गिरावट आती है, तो आमतौर पर निफ्टी भी उस दिशा में चलती है, क्योंकि दोनों में वही बड़े‑बड़े कंपनियों का वजन होता है। इसी प्रकार, टैरिफ जैसी नयी नीति‑परिवर्तनें सीधे‑सीधे इन सूचकांकों को प्रेरित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, जब संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति ने फ़ार्मा उत्पादों पर 100 % टैरिफ लगाया, तो शेयर बाजार में पहुँचते ही सेंसेक्स ने 733 पॉइंट पीछे हटते हुए 80,426 पर बंद किया। इस घटना ने दिखाया कि टैरिफ, विदेशी वस्तुओं पर कर जिससे आयात मूल्य बढ़ता है का असर सीधे‑सीधे फ़ार्मा और आईटी सेक्टर के शेयरों में परिलक्षित होता है, जो सेंसेक्स के प्रमुख घटकों में गिने जाते हैं।

शेयर बाजार के अलावा, सेंसेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था, देश के कुल उत्पादन, निवेश और उपभोग का समुच्चय की भी तस्वीर पेश करता है। जब आर्थिक रिपोर्ट में GDP वृद्धि धीमी दिखती है, तो निवेशकों की जोखिम‑भरी भावना घट जाती है और सेंसेक्स में दबाव बढ़ता है। पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग, म्यूचुअल फंड और कंज्यूमर गैडजेट सेक्टर में उठापटक ने अँधेरे में रोशनी दी—उदाहरण के तौर पर, एसबीआई म्यूचुअल फंड की बोर्ड मीटिंग में भागीदारी ने शेयरों को नई उछाल दी, जिससे कई स्टॉक्स ने 52‑हफ्ते की नई ऊँचाई छू ली। ऐसे डेटा points सेंसेक्स को न सिर्फ़ एक संख्यात्मक मान देते हैं, बल्कि निवेशकों को निर्णय‑लेने में मदद करते हैं। यदि आप आज शेयर बाजार के कई कोनों को समझना चाहते हैं—जैसे कि बीएसई‑काउंटरट्रीट के बाद बिटकॉइन में गिरावट, या फसल‑तटस्थ मौसम का असर कृषि‑संबंधी शेयरों पर—तो ये सभी घटनाएँ सेंसेक्स के बड़े‑बड़े हिस्सों में परिलक्षित होती हैं। आगे दी गई सूची में आपको विभिन्न क्षेत्रों (खेल, राजनीति, विज्ञान‑प्रौद्योगिकी) की खबरें मिलेंगी, लेकिन सभी का एक बिंदु है: वे सभी सेंसेक्स के अंतर्निहित मूवमेंट को असल रूप में दिखाते हैं या उसके पीछे के कारणों को उजागर करते हैं। इस कारण से, इस टैग पेज पर आप न केवल सेंसेक्स के मूल्य परिवर्तन देखेंगे, बल्कि उन कारणों, जैसे टैरिफ, फ़ार्मा, बैंकिंग या मौसमी प्रभावों को भी समझ सकेंगे। अब नीचे आने वाले लेखों में आप देखेंगे कैसे हर एक घटना—चाहे वह ट्रम्प की टैरिफ घोषणा हो या नई सरकारी पहल—सेंसेक्स को दिशा देती है, और आप अपनी निवेश रणनीति को उसी हिसाब से समायोजित कर सकते हैं।

निफ्टी और सेंसेक्स में तेजी: 7 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उछाल

निफ्टी और सेंसेक्स में तेजी: 7 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उछाल

7 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में खासा उछाल देखने को मिला, जिसमें बीएसई सेंसेक्स ने 0.30% की बढ़त के साथ 78,199.11 पर बंद हुआ और एनएसई निफ्टी50 ने 0.39% की तेजी के साथ 23,707.90 पर बंद किया। प्रमुख कंपनियों जैसे एगिस लॉजिस्टिक्स और इक्विनॉक्स इंडिया डेवलपमेंट्स के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया। विदेशी क्रेता ने ₹2,575 करोड़ की बिक्री की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकर्ताओं ने ₹5,749 करोड़ के शेयर खरीदे।

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भारतीय शेयर बाजार: अमेरिकी चुनाव से पहले सेंसेक्स, निफ्टी में अस्थिरता

भारतीय शेयर बाजार: अमेरिकी चुनाव से पहले सेंसेक्स, निफ्टी में अस्थिरता

भारतीय शेयर बाजार 5 नवंबर, 2024 को धीमी गति से शुरू हुआ क्योंकि निवेशक अमेरिकी चुनाव से पहले सतर्क नजर आ रहे थे। सेंसेक्स 100 अंकों से अधिक गिरावट के साथ शुरू हुआ। निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का आईपीओ 7 नवंबर को खुलकर 11 नवंबर को बंद होगा। आईआरसीटीसी ने 4.5% की बढ़ोतरी के साथ शुद्ध लाभ दर्ज किया। अडानी पावर बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति कम कर सकता है। एसईबीआई 'एमएफ लाइट' नियमों को पेश कर सकती है।

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बजट 2024 के बाद सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट: बाजार में 1% से अधिक की गिरावट

बजट 2024 के बाद सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट: बाजार में 1% से अधिक की गिरावट

23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट 2024 के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 में प्रत्येक में 1% से अधिक की गिरावट आई। सेंसेक्स 200 अंक गिरा जबकि निफ्टी 50 अंक टूट गया। शुरुआती सकारात्मक रुझान के बावजूद, बजट निवेशकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।

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