23 जुलाई, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2024 प्रस्तुत किया। इस बजट के बाद, भारतीय शेयर बाजार में अचानक भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50, दोनों ही सूचकांक में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस महत्वपूर्ण घटना ने बाजार निवेशकों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
शेयर बाजार ने सुबह सकारात्मक रुझानों के साथ शुरुआत की थी। प्री-ओपन सत्र में बीएसई सेंसेक्स 222.22 अंक की बढ़त के साथ खुला था और एनएसई निफ्टी में 59.65 अंक की वृद्धि देखी गई थी। लेकिन जैसे ही बजट का विवरण सामने आया, बाजार का रुझान अचानक बदल गया और सेंसेक्स 200 अंक की गिरावट जबकि निफ्टी 50 अंक टूट गया।
बजट के बाद निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। बजट में किए गए प्रावधानों को बाजार के लिए अनुकूल नहीं पाया गया, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं। विशेषज्ञों के अनुसार, बजट में बदलावों के कारण निवेशक सावधान हो गए और बिकवाली का सिलसिला शुरू हो गया।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण ने पहले ही स्टॉक मार्केट में अत्यधिक आत्मविश्वास के प्रति चेतावनी दी थी। इस वित्तीय वर्ष में निफ्टी 50 सूचकांक में 26.8% की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई थी। रिटेल निवेशकों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी और 9.5 करोड़ से अधिक निवेशकों ने लगभग 10% बाजार में सीधे तौर पर पकड़ बनाई। आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया था कि निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि बाजार की तेजी भविष्य में स्थिर नहीं रह सकती।
इस बजट में टैक्स स्लैब, सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस टैक्स जैसे बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। ये क्षेत्र बाजार पर सीधे असर डालते हैं और निवेशकों के फैसलों को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, बजट में मौद्रिक समेकन पर जोर दिया गया है और मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों को राहत प्रदान करने की बात की गई है।
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार की यह गिरावट केवल एक तात्कालिक प्रवृत्ति हो सकती है। बाजार जल्द ही स्थिर हो सकता है अगर निवेशकों का विश्वास फिर से बहाल होता है। आने वाले दिनों में बजट के विस्तृत प्रभावों का आकलन किया जाएगा और निवेशक अपनी रणनीतियों को पुनः निर्धारित करेंगे।
कुल मिलाकर, बजट 2024 का असर बाजार पर गहरा पड़ा है और निवेशकों को अब सावधानीपूर्वक अपने निर्णय लेने होंगे। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस विषय को गहराई से समझें और बजट के दीर्घकालिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करें।
टिप्पणियां भेजें