यमन – नवीनतम समाचार और विश्लेषण

जब हम बात करते हैं यमन, पश्चिमी एशिया में स्थित एक अरब‑भाषी देश, जिसकी राजधानी साना है और इतिहास में व्यापार मार्गों का संगम रहा है. इसे Republic of Yemen भी कहा जाता है, तो यहाँ के राजनीतिक‑सुरक्षा पहलू समझना जरूरी है। इस शब्द को पढ़ते समय यमन का जिक्र हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों परिप्रेक्ष्य में होता है, जिससे आगे की चर्चा आसान बनती है।

यमन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हौती, यमन का उत्तर‑पश्चिमी हिस्सा, जहाँ हौती आंदोलन ने लंबे समय से सशस्त्र संघर्ष चलाया है है। वही सऊदी अरब, गुज़रते समय एक प्रमुख मध्य‑पूर्वी शक्ति, जिसने गठबंधन के हिस्से के तौर पर हौती पर हवाई हमले शुरू किए को समर्थन दिया है। इस तरह यमन में चल रहा गृहयुद्ध सऊदी‑अरबीय हस्तक्षेप से जुड़ा है (central entity‑related) और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बदलता है। दोनों पक्षों की सैन्य कार्रवाई ने स्थानीय जनसंख्या को बहुत बर्दाश्त‑सह्य नहीं छोड़ा।

इन युद्धों के कारण उत्पन्न मानवता संकट, भारी मानवीय आपदा, जिसमें लाखों लोग भोजन, स्वास्थ्य सुविधाओं और आश्रय से वंचित हैं ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया। कई NGOs और यूएन एजेंसियों ने आपातकालीन सहायता प्रदान की, पर लगातार संघर्ष और पहुँच प्रतिबंधों के कारण वितरण में बाधाएँ आईं। इसलिए मानवीय संकट ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को भी प्रभावित किया है – एक स्पष्ट संबंध जहाँ सुरक्षा‑राजनीति और मानवीय मदद आपस में जुड़ी हुई हैं।

क्षेत्रीय प्रभाव और आर्थिक दृष्टिकोण

यमन की आर्थिक स्थिति भी युद्ध के कारण बिगड़ती जा रही है। मूलतः तेल वायुमार्ग और बंदरगाहों पर नियंत्रण किसी भी शिपिंग कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है, पर अब ओमन, एक शेज़ी मुस्लिम देश जो कई बार यमन के राजनयिक मध्यस्थता में भूमिका निभाता है जैसे मध्यस्थों की मदद से ही सीमित व्यापार संभव हो रहा है। ओमन ने कई बार शांति वार्ता के लिए मंच तैयार किया, जिससे दोनों पक्षों को बातचीत का मौका मिला। इस प्रकार ओमन का मध्यस्थता यमन में राजनयिक प्रयासों को समर्थन देती है और आर्थिक तंगी को कुछ हद तक कम करती है। जब आप इस पेज पर नीचे सूची‑बद्ध लेख पढ़ेंगे, तो आपको यमन के राजनीतिक, सैन्य, मानवीय और आर्थिक पहलुओं का विस्तृत चार्ट मिलेगा – जिससे आप रोज़ की ख़बरों से आगे बढ़ कर पूरी तस्वीर समझ पाएँगे।

इस्राइली हमले के बाद यमन के हूदेदा बंदरगाह में फैली आग

इस्राइली हमले के बाद यमन के हूदेदा बंदरगाह में फैली आग

20 जुलाई, 2024 को यमन के हूदी-प्रबंधित बंदरगाह पर इस्राइली हमले के बाद एक विशाल आग भड़क उठी, जिसमें छह लोगों की मृत्यु हो गई और 80 लोग घायल हो गए। यह हमला एक हूदी ड्रोन हमले के जवाब में किया गया था, जो तेल अवीव में हुआ और जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। यह बंदरगाह ईंधन और मानवीय सहायता के लिए अहम् था।

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