AQI – वायु गुणवत्ता सूचकांक का परिचय

जब AQI, वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) का मापदंड है जो हवा में प्रदूषण के स्तर को संख्यात्मक रूप में दर्शाता है, वायु गुणवत्ता सूचकांक की बात आती है, तो यह समझना जरूरी है कि यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि दो प्रमुख कारकों के संयोजन से बनता है: वायु प्रदूषण, हवा में निलंबित पार्टिकुलेट मैटर, गैसें और रासायनिक यौगिक और PM2.5, 2.5 माइक्रोन से छोटे कण जो फेफड़ों में गहराई तक पहुँचते हैं। इन दोनों को एक साथ देखना AQI को समझना आसान बनाता है।

एक प्रमुख तथ्य है – AQI सीधे स्वास्थ्य प्रभाव, श्वसन समस्याएँ, हृदय रोग और अस्थमा जैसी बीमारियों में वृद्धि से जुड़ा होता है। जब AQI 100 से ऊपर जाता है, तो अस्पतालों में श्वसन रोगों के केस बढ़ते हैं, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में। इसलिए कई शहरों में सरकार ने दैनिक AQI रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है, जिससे लोग अपने बाहर जाने के समय और शारीरिक गतिविधियों को समायोजित कर सकें।

वास्तविक समय में AQI मापने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन, स्थायी एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग यंत्र जो PM2.5, PM10, NO2 आदि को ट्रैक करते हैं का प्रयोग किया जाता है। इन डेटा को मोबाइल ऐप्स और वेबसाइटों पर दिखाया जाता है, जिससे नागरिक तुरंत चेतावनी प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें, AQI सिर्फ एक संख्या नहीं—यह आपके रोज़मर्रा के निर्णयों को प्रभावित करने वाला एक संकेतक है।

आज के प्रमुख शहरों में AQI स्थिति

दिल्ली, लखनऊ, मौरी जैसे बड़े मेट्रो क्षेत्रों में मौसम विभाग और पर्यावरण एजेंसियों द्वारा जारी किए गए AQI आँकड़े अक्सर शीर्ष पर होते हैं। तेज़ बारिश या ठंड के मौसम में धूल के कण कम होते हैं, लेकिन ठंडे मौसम में सर्दी के कारण प्रदूषण के स्तर फिर से बढ़ सकते हैं। इस कारण, मौसम अपडेट के साथ-साथ AQI को भी देखना एक समझदारी भरा कदम है।

नीचे आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न खबरों में AQI का उल्लेख होता है, रोगियों के लिए क्या सलाह है, और कौन से उपकरण घर में वायु गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं। इस जानकारी के साथ आप अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर स्वास्थ्य विकल्प चुन सकते हैं।

दिल्ली में प्रदूषण ने पार की चिंताजनक सीमा: वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा

दिल्ली में प्रदूषण ने पार की चिंताजनक सीमा: वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा

दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर पहली बार 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचा है, जिसका कारण मुख्यतः वाहन उत्सर्जन और पराली जलाने से उत्पन्न धुआं है। शहर के 36 में से 30 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने गंभीर श्रेणी रिपोर्ट की है। वायु गुणवत्ता के इस गंभीर स्तर ने निवासियों के लिए स्वास्थ्य खतरे को बढ़ा दिया है। मौसम की प्रतिकूल स्थितियां प्रदूषण को बढ़ा सकती हैं।

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