100 मीटर दौड़ – तेज़ी, तकनीक और प्रशिक्षण

When working with 100 मीटर दौड़, एक मानक ट्रैक इवेंट है जहाँ एथलीट केवल सैकड़ो मीटर में अपनी अधिकतम गति दिखाते हैं. Also known as सैक मीटर स्प्रिंट, it forms the cornerstone of एथलेटिक्स competitions.

100 मीटर दौड़ तेज़ी का सबसे शुद्ध परीक्षण है; यह केवल शारीरिक शक्ति नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया समय, फॉर्म और मनोवैज्ञानिक दृढ़ता को भी मांगेगा। स्प्रिंट की तैयारी में हाई‑इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग, पावर ड्रिल्स और स्ट्रेचिंग रूटीन की जरूरत होती है। सही ट्रैक सतह दौड़ के समय को सीधे प्रभावित करती है—ब्यूनस रबर या टेफ्लॉन कोटिंग वाला ट्रैक अक्सर तेज़ टैम्पो देता है। कोचिंग में स्टार्ट ब्लॉक की सही सेटिंग, बाहर निकलते ही फॉर्म का स्थिर होना और फिनिश लाइन तक गति बरकरार रखना महत्वपूर्ण है। इन तीन मुख्य घटकों को समझकर आप अपने टाइम को सेकंड के अंश में घटा सकते हैं।

मुख्य पहलु और अभ्यास तकनीक

पहला कदम है स्टार्ट तकनीक; ब्लॉक से शोर करने पर पैर की पोजीशन और झटके की दिशा दोन्हों को ट्यून करना चाहिए, क्योंकि शुरुआती 0‑30 मीटर में समय का लगभग 40 % तय हो जाता है। फिर ट्रैक पर तेज़ी से आगे बढ़ते समय, घुटने को हाई ड्राइव रखना और हाथों की स्विंग को रिदम के साथ सिंक्रोनाइज़ करना आवश्यक है—यह फॉर्म ऊर्जा को न्यूनतम हानि के साथ आगे ले जाता है। अंत में फिनिश लाइन्स के करीब, हाई‑स्पीड रनिंग के साथ तेज़ लेग स्ट्राइड को कम करके प्रतिक्रिया के साथ लैंडिंग को नियंत्रित करना चाहिए; यह त्वरित हड़ताल को रोकता है और समय बचाता है। इन सभी बिंदुओं को रोज़ाना 3‑4 बार अभ्यास में डालें, साथ ही पावर ट्रेनों के लिए जिम में स्क्वाट, डेडलिफ्ट और पावर क्लीन जैसे व्यायाम जोड़ें। एक महीने के निरंतर अभ्यास के बाद अपना वैयक्तिक रिकॉर्ड देखेंगे, और उसी आधार पर और परिष्करण के लिए कोच की मदद ले सकते हैं। अगले हिस्से में आप पाएंगे कि कैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं में ये सिद्धांत लागू होते हैं और कौन‑कौन से उपकरण—जैसे इलेक्ट्रॉनिक टाइमिंग सिस्टम या वायर्ड सेंसर—ज्यादा सटीक परिणाम देते हैं।

जूलियन अल्फ्रेड ने 100 मीटर दौड़ जीतकर सेंट लूसिया को पहला ओलंपिक पदक दिलाया

जूलियन अल्फ्रेड ने 100 मीटर दौड़ जीतकर सेंट लूसिया को पहला ओलंपिक पदक दिलाया

सेंट लूसिया की जूलियन अल्फ्रेड ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ जीतकर अपने देश के लिए पहला ओलंपिक पदक जीता। उन्होंने 10.72 सेकंड में दौड़ पूरी करते हुए आठवीं सबसे तेज महिला का सम्मान भी प्राप्त किया। अल्फ्रेड का यह सफर छोटी उम्र में शुरू हुआ था और उनके पिता की याद में योगदान हुआ।

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