मलयालम फिल्म उद्योग की चर्चित अभिनेत्री मिनु मुनिर ने हाल ही में अपने साथ हुए यौन शोषण के आरोपों को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए हैं। मिनु ने अपने फेसबुक पोस्ट में अभिनेता मुकेश, जयसूर्या, मनियंनपिला राजू और एड़वेला बाबू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मिनु का कहना है कि कुछ प्रमुख हस्तियों के अत्याचार ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे फिल्म उद्योग छोड़कर चेन्नई में बस जाएं।
मिनु ने बताया कि 2013 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके साथ शारीरिक और मौखिक शोषण किया गया था। इन घटनाओं ने उन्हें इतना आहत किया कि वे फिल्म उद्योग में काम जारी रखने में असमर्थ हो गईं। इससे पहले उन्होंने ‘केरला कौमुदी’ में एक लेख के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए थे, जिसमें उन्होंने लिखा था कि कैसे समायोजन करने में असमर्थता के चलते उन्हें मलयालम उद्योग छोड़ना पड़ा।
मिनु ने एड़वेला बाबू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) में सदस्य बनाने के एवज में यौन संबंध बनाने की मांग की थी। इसके साथ ही एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2008 में ‘दे इंगोट्टू नोक्किये’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जयसूर्या ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया था। जब मिनु ने यह बात अभिनेता जगति श्रीकुमार को बतानी चाही तो जयसूर्या ने उन्हें तिरुअनंतपुरम के एक अपार्टमेंट में चलने का दबाव बनाया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
मिनु का आरोप है कि अभिनेता मुकेश ने भी उनके प्रति अनचाहे यौन अग्रिम और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि आशीक अबु की फिल्म 'दा थडिया' की शूटिंग के दौरान मनियंनपिला राजू ने उनसे उनके होटल के कमरे में आने की बात कही थी और जब उन्होंने मना कर दिया तो अगले दिन सेट पर गुस्से में आ गए।
हेमा कमिटी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में व्याप्त यौन शोषण के खुलासों ने पहले ही काफी हलचल मचा दी है। इस रिपोर्ट के कारण निर्देशक रणजीत और अभिनेता सिद्दिक ने अपनी राज्य संचालित फिल्म अकादमी और एएमएमए में नेतृत्व की भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है।
मिनु मुनिर के इन आरोपों के बाद, भाजपा युवा मोर्चा और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कोल्लम स्थित मुकेश के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। अभिनेता मनियंनपिला राजू ने इन आरोपों की जांच की मांग उठाई है और इशारा किया है कि इस मुद्दे में कई अन्य हितों का भी हाथ हो सकता है।
केरल सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे शोषण की जांच के लिए महिला आईपीएस अधिकारियों की सात सदस्यीय विशेष टास्k फोर्स का गठन किया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें फिल्म उद्योग में शोषण के आरोपों का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई की योजना बनाई गई है।
इन सबके साथ, मिनु मुनिर ने न्याय की अपनी मांग को और मजबूत किया है, ताकि फिल्म उद्योग में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत मैसेज जाए और आरोपियों को उनके किए की सजा मिले।
मिनु मुनिर के इन साहसिक खुलासों और उनके न्याय की मांग ने पूरे मलयालम फिल्म उद्योग को हिला कर रख दिया है। यह देखना बाकी है कि इन आरोपों पर क्या कदम उठाए जाते हैं और किस हद तक यह घटना महिलाओं के प्रति समाज के रवैये में बदलाव लाने में सक्षम होती है।
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