लिडिया थॉर्प ने प्रदर्शन के बाद पुनर्निर्वाचन के बजाय न्याय के लिए अपना लक्ष्य बताया

लिडिया थॉर्प: न्याय की खोज या आलोचना?

स्वतंत्र सीनेटर लिडिया थॉर्प ने हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई संसद में एक घटना के दौरान अपनी बातें रखते हुए उच्च स्वर में आवाज उठाई। वह औपनिवेशिकता और इसके प्रभावों पर गुस्सा जाहिर करते हुए व्यक्ति को स्पष्ट संदेश देना चाहती थीं कि उनका उद्देश्य न केवल पुनर्निर्वाचन से है बल्कि न्याय के लिए भी लड़ना है। इस घटना ने उन्हें मीडिया और राजनेताओं की नज़र में ला दिया है।

किंग चार्ल्स के स्वागत का विरोध

पार्लियामेंट हाउस में किंग चार्ल्स के स्वागत समारोहो में भाग लेते हुए लिडिया थॉर्प ने ‘फक द कोलोनी’ और ‘यू आर नॉट माय किंग’ की घोषणाएं कीं। उन्होंने सीधे तौर पर मौजूदा शाही प्रणाली पर हमला किया और इसे उनके समुदाय के खिलाफ नरसंहार का जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने अपने समुदाय की भूमि और अवशेषों की वापसी की मांग की।

पर्यावरण और सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज

थॉर्प, जो कि गुनैया, गुनडिट्ज़मारा और डजाब वु रूंग की मूल निवासी हैं, ने अपनी लोगों की ओर से न्याय की मांग की है। वह चाहती हैं कि मौजूदा शाही प्रणाली ऑस्ट्रेलिया के लिए एक जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाए और उन चीजों को ध्यान में रखे जो समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं।

राजनीतिक मामलें और विवाद

कुछ राजनीतिक दल लिडिया की शैली और उनके बयानों से सहमत नहीं हैं, ऐसे में विपक्ष के नेता पीटर डटन ने लिडिया थॉर्प पर कड़ा रुख अपनाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। डटन का तर्क है कि अगर उन्हें ऑस्ट्रेलिया की शासन प्रणाली में विश्वास नहीं है तो उन्हें इसे स्वीकार करते हुए इसमें बनी हुई किसान दैनिक की आय भी नहीं लेनी चाहिए। हालांकि, थॉर्प ने आत्मविश्वास से इस्तीफे की बातों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि काले महिलाओं की आवाज़ दबा दी जाती है, इसीलिए उनका विरोध इसकी ओर ध्यान दिलाने का एक प्रयास था।

दशक भर लोकतंत्र की मांग

किंग और ब्रिटिश शाही परिवार को दोषियों की तरह देखते हुए, थॉर्प ने कहा कि उनके लोग उनके कारनामों के भुगत रहे हैं, और शाही पद के मौन रवैया से ही उन्होंने इसे स्वीकार किया है। उन्होंने किंग को पत्र भी लिखा, जिसमें एक उत्पन्न और विनम्र वार्ता की मांग की गई है, और मुकदमातें तैयार करने की सलाह भी दी गई है। उन्होंने आग्रह किया कि पहली अदालन की संधि बनाने पर बातचीत हो, जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ।

संसद में प्रस्ताव और रिएक्शन

संसद में प्रस्ताव और रिएक्शन

कई विपक्षी सांसदों ने थॉर्प के खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इनमें से कुछ इस विचार पर अड़े हुए हैं कि यह उन्हें और अधिक प्रचार देगा। छाया विदेश मंत्री साइमन बर्मिंघम ने उन्हें सेंसर करने का प्रस्ताव उस ध्यान को प्रदान करेगा जिसकी वह तलाश कर रही हैं। इसके उल्टा, हाउसिंग मंत्री जूली कॉलिंस ने ध्यान दिलाया कि सरकार को देखना चाहिए कि विपक्षी दल क्या प्रस्ताव करते हैं।

माफीनामे और संबंधित प्रतिघटनाएँ

थॉर्प ने एक ढृश्य पोस्ट किया था जो उनके कर्मचारी के द्वारा बिना अनुमति के साझा किया गया था। इस पर उन्होंने क्षमा मांगी और कहा कि उनका इरादा कभी भी हिंसा को बढ़ावा देने का नहीं था। नई जिम्मेदारियों के तहत उन्हें बढ़ते दायित्यों का सामना करना पड़ रहा है।

समर्थन और विरोध

इस मामले में कई प्रमुख राजनेताओं और अपने समुदाय के लोगों के बीच उन्हें समर्थन और आलोचना दोनों मिला। जबकि कुछ ने उनके इस कदम का समर्थन किया, वहीं कुछ लोगों द्वारा उनके बयानों की आलोचना की गई। ग्रीन पार्टी की उप नेता महसरीन फारूकी ने थॉर्प का पक्ष लेते हुए कहा कि डटन की टिप्पणियाँ अवांछनीय हैं और ऑस्ट्रेलिया को सत्यता और संधियों की ओर बढ़ना चाहिए।

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