महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम, पुणे में खेले जा रहे चौथे टी20 मैच में हर्षित राणा ने भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से पदार्पण करके सबको हैरान कर दिया। उनके पदार्पण की वजह हुई एक दुर्लभ स्थिति, जब वे सिर की चोट उप के रूप में शिवम दूबे की जगह टीम में शामिल हुए। शिवम दूबे को जेमी ओवर्टन की एक तेज बाउंसर सीधे हेलमेट पर लग गई। इसके चलते वे थोड़ी देर के लिए पिच पर गिर पड़े। हालांकि, दूबे को कंसकशन टेस्ट के बाद आलकाप्राप्त कर दिया गया और वे आखिरी गेंद पर रन आउट हो गए।
इस घटना के पश्चात हर्षित राणा को इंग्लैंड की पारी के दौरान 12वें ओवर में गेंदबाजी के लिए बुलाया गया। राणा ने आते ही अपने पहले ओवर में लियाम लिविंगस्टोन का विकेट चटकाकर भारत के पक्ष में खेल बदल दिया। उन्होंने चार ओवर में कुल तीन विकेट चटकाए और 33 रन दिए। हर्षित राणा की इस बेहतरीन गेंदबाजी ने भारत को 15 रनों से जीत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई, जिससे भारत ने सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली।
हालांकि, इस फैसले को लेकर काफी विवाद हुआ। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर और पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने इस पर आपत्ति जताई, और कहा कि राणा का उपयोग 'लाइक-फॉर-लाइक' रिप्लेसमेंट के नियम का पालन नहीं करता। आईसीसी के नियमानुसार, टीम केवल 'लाइक-फॉर-लाइक' रिप्लेसमेंट का नाम तब देती है जब कोई बल्लेबाज कंसकशन के कारण बाउट हो।
राणा ने खुद खुलासा किया कि उन्हें हेड कोच गौतम गंभीर द्वारा बताया गया था कि वे काफी जल्द मैदान पर गेंदबाजी के लिए आ सकते हैं। इस घटना ने सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं के बीच विवाद उत्पन्न कर दिया, जिसमें इसे 'धोखाधड़ी' कहकर आलोचना की गई। खेल विशेषज्ञ और क्रिकेट प्रेमी दिए गए फैसले पर अपनी राय व्यक्त करते रहे। कई विशेषज्ञों ने इसे नियमों का अधूरी समझ का नतीजा बताया और इस पर विचार विमर्श की आवश्यकता जताई।
इस प्रकार की घटनाएं खेल की भावना को पुनः विचारने का मौका देती हैं। भारतीय टीम के कोच और खिलाड़ीयों ने इस विषय पर अपनी राय रखी और हर प्रकार से आईसीसी नियमों का पालन करने का भरोसा दिलाया। इसके अलावा, इस घटना के माध्यम से युवा खिलाड़ी हर्षित राणा की क्षमताओं की भी सराहना की गई। उन्होंने टी20 दौर में अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि भारत के पास अद्भुत प्रतिभा वाले युवा खिलाड़ी हैं।
टिप्पणियां भेजें