सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के एक महत्वपूर्ण मैच में, भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे हार्दिक पांड्या ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसे देखने के बाद क्रिकेट प्रेमियों के मन में उनका सम्मान और बढ़ गया। बारोडा के ओर से खेलते हुए, हार्दिक ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से तमिलनाडु के गेंदबाजों को मुश्किल में डाल दिया। जब वे मैदान में आए, तब बारोडा 16 ओवर में 152 रन पर छह विकेट खो चुका था और जीत की उम्मीदें क्षीण हो रहीं थीं।
इस अहम मोड़ पर हार्दिक पांड्या ने खेल का रुख बारोडा की तरफ मोड़ते हुए, अपने आक्रामक तेवरों को मैदान पर दिखाया। गुरजपनीत सिंह, जो चेन्नई सुपर किंग्स में नए भर्ती हुए हैं, के गेंदों पर उन्होंने जिस तरह से चार लगातार छक्के और एक चौका जड़ा, उसने सबको हैरत में डाल दिया। 17वें ओवर में उनके द्वारा जड़े गए 29 रन जिनमें एक अतिरिक्त नो-बॉल भी शामिल थी, ने हवा में रोमांच का माहौल खड़ा कर दिया।
पांड्या का कहना था कि अंतिम तीन ओवरों में 36 रनों की आवश्यकता थी और उन्होंने अपनी निपुणता से चोटे समय में बड़े हिट्स लगाए। उनके द्वारा खेली गई इन धमाकेदार पारियों में तीन छक्के और तीन चौके शामिल थे, जिसके चलते उन्होंने बाकी आवश्यक 30 रन बनाए और बारोडा को प्रभावशाली सात विकेट से जीत मिली। यह कही जा सकती है कि इस पारी में उन्होंने वास्तविकता में 'बीस्ट मोड' को सक्रीय किया।
इस तरह के प्रदर्शन से हार्दिक पांड्या ने यह साबित कर दिया कि वे टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस तरह की जीत न केवल उनके व्यक्तिगत खेल कौशल का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि टीम का मनोबल कैसे एक व्यक्ति के दमखम से ऊपरी स्थान पर पहुंच सकता है।
तमिलनाडु ने अपने खेल में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने बारोडा को 221 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। इस शानदार स्कोर में नारायण जगदीशन और विजय शंकर की खुबसूरत पारियों का बड़ा हाथ था। जगदीशन ने जहां अपने शतक के करीब जाकर टीम का स्कोर बड़ा किया वहीं विजय शंकर ने 42 रन की तेज-तर्रार पारी खेली थी।
हालांकि, जब पांड्या जैसे प्रतिस्पर्धी बल्लेबाज खिलाफ खड़े हों, तो सिर्फ बड़ा स्कोर बनाना हर बार जीत सुनिश्चित नहीं करता। यह हार्दिक पांड्या की क्रिकेट खेलने की समझ और उनके निडर पक्ष का ही प्रमाण था कि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
इस बीच मुंबई की तरफ से खेले गए एक अन्य मैच में श्रीयस अय्यर ने भी महत्वपूर्ण पारी खेली। उन्होंने अपने करियर को और उंचाइयों पर पहुंचाते हुए, अपनी टीम को महाराष्ट्र के खिलाफ पांच विकेट से जीत दिलाई। 39 गेंदों में 71 रन की उनकी शानदार पारी ने उन्हें, अपने आईपीएल नीलामी के ऊपर खर्च किए गए पैसे को सही साबित किया। उनके साथ अजिंक्य रहाणे ने भी 52 रनों की अहम पारी खेली।
यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी ने क्रिकेट के मैदान पर कई अद्भुत प्रदर्शन देखने का अवसर दिया है। युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का मिश्रण, जिन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, ने इस टूर्नामेंट को दिलचस्प बना दिया। हार्दिक पांड्या और श्रीयस अय्यर जैसे खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए आशा की किरण बने हुए हैं।
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