भारत ने शतरंज की दुनिया में एक और स्वर्णिम पन्ना जोड़ दिया है। 45वें FIDE शतरंज ओलंपियाड में भारतीय पुरुष और महिला टीमों ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
भारतीय पुरुष शतरंज टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। स्लोवेनिया पर 3.5-0.5 की धमाकेदार जीत के साथ उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। इस जीत के बाद भारतीय टीम ने अगले सबसे अच्छे टीमों से चार अंकों की बढ़त बनाई। इस प्रकार इंडिया ने ओलंपियाड में दमदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल को अपने नाम किया।
अमेरिकी टीम ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और चीन को हराकर रजत पदक जीता। वहीं, उज्बेकिस्तान ने फ्रांस को हराते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया।
भारतीय महिलाओं की टीम ने भी इस बार नया इतिहास रचा। पिछले साल जब यह कार्यक्रम आयोजित हुआ था, तो वे स्वर्ण पदक से चूक गई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। भारतीय महिला टीम ने अजेरबाइजान को 3.5-0.5 से हराकर अपनी पहली बार स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
इसी बीच, कज़ाकिस्तान की टीम, जो कि शुरुआती स्तर पर समान अंक के साथ थी, को संयुक्त राज्य अमेरिका ने ड्रॉ पर रोक दिया। कज़ाकिस्तान ने रजत पदक जीता जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्पेन, आर्मेनिया और जॉर्जिया को टाईब्रेकर पर पीछे छोड़ कांस्य पदक हासिल किया।
इस अद्वितीय सफलता में भारत के कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ियों का योगदान रहा। ग्रैंडमास्टर गुकश डोमाराजू, अर्जुन एरिगैसी और प्रग्गनानंधा रमेश बाबू ने अंतिम राउंड में अपने-अपने खेल जीते। अर्जुन की ये नौवीं जीत उन्हें दुनिया के तीसरे नंबर का खिलाड़ी बना दिया। वही, महिलाओं की टीम की अगुवाई ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेश बाबू और इंटरनेशनल मास्टर वंतिका अग्रवाल ने की, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
यह 45वां FIDE शतरंज ओलंपियाड बुडापेस्ट, हंगरी में 11-22 सितंबर, 2024 के बीच आयोजित किया गया था। इस आयोजन में दोनों ओपन और महिला वर्गों में पांच खिलाड़ियों की टीमों ने स्विस ओपन प्रारूप में मुकाबला किया।
भारत की यह जीत न केवल शतरंज के खेल में उनकी बढ़ती महत्वता को दर्शाती है बल्कि युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा भी देती है। यह जीत शतरंज के साथ-साथ अन्य खेलों में भी भारत की स्थिति को मजबूत करती है।
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