योग ने बनाई दुनिया को एकजुट करने वाली ताकत: प्रधान मंत्री मोदी

योग ने बनाई दुनिया को एकजुट करने वाली ताकत: प्रधान मंत्री मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की जिन्होंने मिलकर योग का अभ्यास किया। मोदी ने कहा कि योग अब केवल एक शारीरिक कला नहीं रह गया है, बल्कि यह एक भावनात्मक और मानसिक साधना का माध्यम बन गया है जो विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाने में मदद करता है। इसके माध्यम से दुनिया भर के लोग एकजुट हो रहे हैं और वैश्विक एकता को एक नई दिशा मिल रही है।

मोदी ने विशेष रूप से उन सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया जो योग का प्रचार कर रहे हैं और जिनके प्रयासों से योग का महत्व बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि योग के प्रति युवाओं में बढ़ती उत्सुकता और योग प्रशिक्षकों की संख्या में वृद्धि इस बात का प्रतीक है कि युवाओं में भी योग के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सितंबर 2014 में, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसके परिणामस्वरूप 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने योग को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाने में मदद की।

इस साल, मोदी ने श्रीनगर में योग दिवस के समारोहों में भाग लिया। उनके साथ जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव भी मौजूद थे। अन्य प्रमुख नेताओं में गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में योग का अभ्यास किया, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा दिल्ली में, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मथुरा, उत्तर प्रदेश में 1 कॉर्प्स के सैनिकों के साथ योग किया।

अन्य प्रमुख भागीदार

योग दिवस के इस महोत्सव में विभिन्न स्थानों पर और भी कई प्रमुख व्यक्तित्वों और नायकों ने भाग लिया। यह सभी के सामूहिक प्रयासों और योग के प्रति उनकी तत्परता का प्रमाण है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस पहल को व्यापक रूप से प्रमोट करें और अधिक से अधिक लोगों को इस आंदोलन का हिस्सा बनाएं।

प्रधान मंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि योग के कारण हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग की साधना से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मशांति की ओर भी हम अग्रसर हो रहे हैं।

योग का भावनात्मक एवं मानसिक सकारात्मक प्रभाव

योग की इस यात्रा में, हम सभी को समझना होगा कि योग का अभ्यास केवल शारीरिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है। इसके साथ-साथ योग का भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। योग की विभिन्न मुद्राएं और ध्यान प्रक्रियाएं मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में मदद करती हैं। तनाव और चिंता जैसी समस्याओं से निपटने में भी योग एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में सामने आता है।

प्रधान मंत्री मोदी ने योग के आर्थिक पहलुओं पर भी बात की और यहां तक कि यह भी कहा कि योग और वेलनेस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश और विदेश से लोग योग से संबंधित शिक्षा प्राप्त करने और करियर बनाने के लिए आकर्षित हो रहे हैं, जिससे योग प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: एक वैश्विक उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: एक वैश्विक उत्सव

21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अब एक वैश्विक उत्सव के रूप में स्वीकारा जा रहा है। इस दिन, विश्व के विभिन्न हिस्सों में लोग एक साथ मिलकर योग का अभ्यास करते हैं और सामूहिक रूप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। यह दिन केवल योग का अभ्यास करने का दिन नहीं है, बल्कि यह दिन हमें यह याद दिलाने का भी है कि योग हमें किस प्रकार से एकजुट करता है और हमारी समाज में एक नई दिशा देने में मदद करता है।

सामूहिक प्रयास और वैश्विक जागरूकता

इस दिन, विभिन्न योग संस्थाएं, सरकारें, और स्वयंसेवी संगठन एकसाथ मिलकर विभिन्न प्रकार के योग सत्रों और कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों के भीतर योग के प्रति जागरूकता और रुचि को बढ़ावा दिया जा सके। यह एक महान अवसर है जिसमें लोग अपनी भागीदारी दर्ज कर सकते हैं और योग के लाभों को समझ सकते हैं।

अंततः योग हमें यह सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन को संतुलित और स्वस्थ बना सकते हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग को दिए गए इस नए आयाम से हमारी पीढ़ी को बहुत लाभ हो रहा है। यह सब हमें यह समझने में मदद करता है कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवन शैली है जो हमें आत्मशांति, सामंजस्य और सर्वांगीण विकास की ओर ले जाती है।

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