Wanindu Hasaranga की चोट से बड़ी धक्का, श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे T20I सीरीज के लिए नई 17‑खिलाड़ी टीम की घोषणा

नयी टीम का सारांश

श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ तीन‑मैच की T20I श्रृंखला के लिए 17‑खिलाड़ियों की टीम फाइनल कर ली। इस चयन में पांच बड़े बदलाव किए गए हैं, जो जुलाई 2025 में बांग्लादेश के खिलाफ़ खेले गए ODI टीम से काफी अलग दिखती है। कप्तान की कुर्सी पर फिर से चारिथ असालंका बैठे हैं, जबकि टीम में कई उभरते हुए सितारे शामिल हुए हैं।

  • चारिथ असालंका (कप्तान)
  • पथुम निसंका
  • कुसाल मेंढी
  • कुसाल पेरेरा
  • नुवानिदु फर्नांदो
  • कामिंदु मेंढी
  • कमिल मिशारा
  • विशेन हलम्बाज़े (पहली T20I कॉल)
  • दासुन शानाका
  • दुनिथ वेल्लागे
  • चमिक्का करुणरत्ने
  • महेश थीक्षाना
  • दुशान हेमान्था
  • धुशमन्था चमेरा
  • बिनुरा फर्नांदो
  • नुवान थुशारा
  • माथीशा पथिराना

उभरते हुए ओपनर विशेन हलम्बाज़े को पहली बार T20I में बुलाने का फैसला काफी चर्चा का कारण बना। घरेलू टूर्नामेंट में उसकी धमाकेदार पावरहिटिंग ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। तेज़ी से गेंद bowling में माहिर माथीशा पथिराना को भी फिर से बुलाया गया, जो पहले ODI में कट गया था।

Hasaranga की चोट का प्रभाव और आगे का रास्ता

Hasaranga की चोट का प्रभाव और आगे का रास्ता

सबसे बड़ा झटका निश्चित ही Wanindu Hasaranga की हैमस्ट्रिंग चोट है, जो जुलाई में बांग्लादेश के खिलाफ़ ODI में लगी थी। उसकी अभाव में टीम को नीचे‑मध्य क्रम की मजबूती और लगभग 20 ओवरों की गति वाली बोलींग की कमी झेलनी पड़ेगी। हसारांगा न सिर्फ़ विकेट लेता है, बल्कि लास्ट‑ओवर में फिनिशर की भूमिका भी निभाता था। इस कारण कोचिंग स्टाफ को वैकल्पिक विकल्पों की तलाश में जल्द‑बाज़ी करनी पड़ेगी।

पिछले कुछ महीनों में श्रीलंका की T20I फार्म में कई असफलताएँ देखी गईं, इसलिए इस ज़िम्बाब्वे सीरीज को एशिया कप की तैयारी के तौर पर बहुत महत्व दिया गया है। टीम ने दासुन शानाका को ग्रुप में अतिरिक्त ऑल‑राउंडर के रूप में रखा है, जबकि कुसाल पेरेरा और कुसाल मेंढी को तेज़ फिनिशर की जिम्मेदारी दी गई है। बिनुरा फर्नांदो और नुवान थुशारा को भी तेज़़ी से स्पिन/सेट-अप बॉल का विकल्प माना गया है।

ज़रूर, यह बदलाव जोखिम भरा है, लेकिन युवा ऊर्जा से टीम में नई ऊर्जा आनी चाहिए। विशेषकर हलम्बाज़े की आक्रामक शुरुआत और पथिराना की तेज़ बॉलों में गति, दोनों मिलकर उस खालीपन को थोड़ा भर सकते हैं जो हसारांगा ने छोड़ा था। अगर क्रमशः दो‑तीन अच्छे ओवर चल पड़े तो खिलाड़ी आत्मविश्वास वापस पा सकते हैं, और एशिया कप में टीम का प्रदर्शन सुधर सकता है।

सीरीज की तारीखें स्पष्ट हैं: पहला मैच 3 सितंबर को हरारे में, फिर 6 और 7 सितंबर को दो और टेस्‍ट। यह अवसर न केवल ज़िम्बाब्वे को परखने का है, बल्कि खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय दबाव में खुद को साबित करने का भी। यदि इस कार्यक्रम में युवा खिलाड़ी बड़े मौका लेकर दिखा दें, तो अगले महीने के एशिया कप में उनका नाम ज़रूर सुनने को मिलेगा।

अंत में, श्रीलंका के क्रिकेट प्रशंसकों को थोड़ी धीरज रखना पड़ेगा। नई टीम, नई संभावनाएँ, पर एक बड़ा सितारा अनुपस्थित। क्या ये बदलाव टीम को विजय की ओर ले जाएंगे, यह तो सीरीज के बाद पता चलेगा।

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