वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से पहले निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी आर्थिक सर्वेक्षण

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज दोपहर 1 बजे आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश करने जा रही हैं। यह सर्वेक्षण अगले वित्तीय वर्ष के बजट 2024-25 के पेश होने से पहले का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस सर्वेक्षण के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और आगामी समय के लिए संभावनाएं तय की जाएंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन इस संबंध में दोपहर 2:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व

आर्थिक सर्वेक्षण हर साल पेश किया जाता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत विवरण और विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह सर्वेक्षण तीन मुख्य भागों में विभाजित होता है - सम्पूर्ण दृष्टिकोण और मुख्य आर्थिक सलाहकार की राय, क्षेत्रीय आंकड़े और आँकड़ों का अध्ययन, और व्यापक आर्थिक आंकड़े। यह सर्वेक्षण सरकार और नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है।

पिछले वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण और भविष्यवाणियाँ

पिछले वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण और भविष्यवाणियाँ

पिछले वर्ष जनवरी में पेश किये गए छोटे आर्थिक सर्वेक्षण ने भविष्यवाणी की थी कि भारत 2030 तक $7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का उद्देश्य रख सकता है, और वित्तीय वर्ष 2024-25 में यदि कोई बड़ी रुकावट न आए तो 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर देख सकता है। यह सर्वेक्षण यह भी बताता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण रोजगार पर विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में संकट उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, भौगोलिक तनाव और रेड सागर संकट के बीच बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए उत्पाद गुणवत्ता में निवेश और लॉजिस्टिक लागत को कम करने की आवश्यकता है।

भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति

वर्तमान आर्थिक स्थिति पर बात करें तो वैश्विक मंदी के बावजूद, भारत ने अपनी वृद्धि दर को बनाए रखा है। क्रय शक्ति पर्याप्त है और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है, जैसे कि स्वरोजगार के अवसरों की वृद्धि, महिला रोजगार को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास।

आने वाले बजट से उम्मीदें

आने वाले बजट से उम्मीदें

आने वाले बजट को लेकर आम जनता और उद्योग जगत में कई उम्मीदें हैं। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने, कृषि सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार समर्थन के लिए अधिक बजट आवंटन की आशा की जा रही है। संस्था स्थिरता, महंगाई नियंत्रण और निवेश को प्रोत्साहन देने वाले नीतियों का भी इंतजार किया जा रहा है।

निष्कर्ष

संपूर्ण, यह आर्थिक सर्वेक्षण न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का विवरण प्रदान करेगा बल्कि नीति-निर्माताओं और सरकार के लिए एक मार्गदर्शन भी साबित होगा। उम्मीद की जा रही है कि यह सर्वेक्षण आने वाले बजट को और अधिक प्रभावी और जनोपयोगी बनाने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति में स्थायित्व और वृद्धि दोनों ही प्राप्त होंगी।

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