विंबलडन 2024 में भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने अपने कैरियर का पहला मुख्य ड्रॉ मैच खेला, लेकिन उन्हें पहले ही दौर में हार का सामना करना पड़ा। सर्बिया के मियोमिर केकमानोविच के खिलाफ हुए इस मुकाबले में नागल ने चार सेटों में 2-6, 6-3, 3-6, 4-6 से हार झेली। इस मैच में नागल ने कुल 44 अनफोर्स्ड एरर्स किए, जो उनकी हार का एक प्रमुख कारण बना। मैच कुल दो घंटे और 38 मिनट तक चला, जिसमें नागल ने कुल 104 अंक अर्जित किए जबकि केकमानोविच ने 122 अंक बनाए।
इस हार के बावजूद, नागल को गर्व होना चाहिए कि वह विंबलडन के मुख्य ड्रॉ में खेलने वाले पांच वर्षों में पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने। इससे पहले, 2019 में प्रजनेश गुणेश्वरन ने विंबलडन के मुख्य ड्रॉ में भाग लिया था। सुमित नागल की यह उपलब्धि भारतीय टेनिस के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे युवा खिलाड़ियों में उत्साह और जोश बढ़ेगा।
इस मुकाबले में सर्बिया के मियोमिर केकमानोविच ने शानदार खेल दिखाते हुए नागल को चार सेटों में मात दी। यह केकमानोविच की नागल के खिलाफ दूसरी जीत थी। चार साल पहले, एक एटीपी 250 टूर्नामेंट में भी केकमानोविच ने नागल को हराया था। केकमानोविच की आक्रामकता और उनकी सटीक सर्विस ने नागल को लगातार दबाव में रखा, जिसका उन्हें पूरा फायदा मिला।
पहले दौर में बाहर होने के बाद, सुमित नागल अब विंबलडन में पुरुष डबल्स प्रतियोगिता पर ध्यान केंद्रित करेंगे। नागल सर्बिया के दुसान लाजोविच के साथ जोड़ी बनाकर स्पेन के पेड्रो मार्टिनेज और जैम मुनार के खिलाफ खेलेंगे। भारतीय टेनिस प्रेमियों की उम्मीदें अब इस जोड़ी पर टिकी हैं और देखना होगा कि यह जोड़ी कैसे प्रदर्शन करती है।
विंबलडन 2024 में तीन और भारतीय टेनिस खिलाड़ी भी पुरुष डबल्स मुकाबलों में भाग लेंगे। इनमें रोहन बोपन्ना अपने ऑस्ट्रेलियाई साथी मैथ्यू एबडेन के साथ दूसरी वरीयता प्राप्त टीम के रूप में खेलेंगे। इसके अलावा, एन श्रीराम बालाजी ग्रेट ब्रिटेन के ल्यूक जॉनसन के साथ और यूकी भांबरी फ्रांस के अल्बानो ओलिवेटी के साथ जोड़ी बनाकर प्रतिस्पर्धा करेंगे।
विंबलडन 2024 में सुमित नागल की भागीदारी और पुरुष डबल्स में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी भारतीय टेनिस के लिए महत्वपूर्ण घटनाएं हैं। इससे न केवल खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी। भारतीय टेनिस संघ और प्रशंसकों के लिए यह एक गर्व का क्षण है, और उम्मीद की जा रही है कि हमारे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन के साथ देश का नाम रोशन करेंगे।
सुमित नागल की इस हार के बाद, उन्हें अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा और आगे के मुकाबलों के लिए खुद को तैयार करना होगा। विशेषकर ग्रास कोर्ट पर खेलने की तकनीक को और सुधारना होगा। नागल के खेल में उत्साह और जोश की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें अपनी गलतियों से सीखते हुए अपनी खेल तकनीक को और निखारना होगा।
आने वाले समय में, नागल के पास कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स हैं जिनमें वे खुद को और बेहतर साबित कर सकते हैं। भारतीय टेनिस फैंस को भी उनसे काफी उम्मीदें हैं और वे चाहते हैं कि नागल अपनी मेहनत और प्रतिभा से भारतीय टेनिस को नए आयाम दें।
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