वित्तीय घाटा: समझिए कारण, असर और समाधान

जब हम वित्तीय घाटा की बात करते हैं, तो यह सिर्फ एक अकादमिक शब्द नहीं रहता। यह वह वास्तविक चुनौती है जो हर बार बजट तैयार करने पर सरकार के सामने आती है। वित्तीय घाटा, सरकारी राजस्व और सार्वजनिक खर्च के बीच का नकारात्मक अंतर, जो बजट में घाटा दर्शाता है. Also known as राजकोषीय घाटा, it reflects the shortfall that must be financed through borrowing or other measures. यह अंतर कई कारकों से उत्पन्न होता है, जैसे कि कर संग्रह में गिरावट, सामाजिक कल्याण योजनाओं में बढ़ोतरी, या अचानक आर्थिक शॉक। जब राजस्व घटता है और खर्च बढ़ता है, तो वित्तीय घाटा बढ़ता है, जिससे सार्वजनिक ऋण में वृद्धि होती है। यही कारण है कि आर्थिक नीति बनाते समय नीति निर्माताओं को राजकोषीय संतुलन को प्राथमिकता देनी पड़ती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए बजट 2025-26 की मुख्य चिंताएँ और चुनौतियाँ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए बजट 2025-26 की मुख्य चिंताएँ और चुनौतियाँ

बजट 2025-26 पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इनमें आर्थिक मन्दी की गति धीमी पड़ना, उच्च वित्तीय घाटा, रोजगार की कमी, मुद्रास्फीति और सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश लक्ष्य की पूर्ति शामिल हैं। ये सभी कारक वित्त मंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होंगे और इन्हें हल करने के लिए संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी।

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