MBBS सीट मैट्रिक्स – सभी जानकारी एक जगह

जब आप MBBS सीट मैट्रिक्स को देखते हैं, तो यह एक टेबल जैसा दस्तावेज़ होता है जो हर मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध सभी MBBS सीटों के प्रकार, क्वोटा और कटऑफ़ स्कोर दिखाता है। यह टेबल ये बताती है कि कौन‑सी सीट सरकारी है, निजी है या राज्य द्वारा आरक्षित है। एक साफ़ चित्र यह दिखाता है कि आपके NEET अंक किस कॉलेज में फिट बैठते हैं। इसे कभी‑कभी Medical Seat Matrix भी कहा जाता है।

इस मैट्रिक्स को समझने के लिये NEET राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा का रोल बहुत अहम है। NEET स्कोर बिना इस मैट्रिक्स के कोई मायना नहीं रखता, क्योंकि मैट्रिक्स हर कॉलेज का न्यूनतम कटऑफ़ और सीटों की संख्या को जोड़ता है। दूसरा प्रमुख घटक AIIMS ऑल इन्डिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ का अलग कटऑफ़ सिस्टम है, जो अक्सर सामान्य NEET कटऑफ़ से अलग रहता है। आप जब NEET स्कोर और AIIMS कटऑफ़ दोनों को मैट्रिक्स में देखेंगे, तो पता चल जाएगा कि कौन‑सा रास्ता सबसे आसान है।

एक सामान्य MBBS सीट मैट्रिक्स तीन मुख्य भागों में बंटा होता है – सरकारी/राज्य सीटें, निजी/स्वायत्त संस्था की सीटें और अर्ली डॉग/स्पेशल किट्स। सरकारी सीटें अक्सर राज्य परामर्श (State Counselling) द्वारा बंटती हैं, जबकि निजी सीटों में कई बार निहित‑हैद (NRI) या विदेशी विद्यार्थियों के लिये अलग क्वोटा रहता है। इस तंत्र को समझना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यही तय करता है कि आपका स्कोर किस कॉलेज में कब तक काम आयेगा।

कैसे पढ़ें MBBS सीट मैट्रिक्स

पहला कदम: अपना NEET स्कोर जांचें और मैट्रिक्स में हर कॉलेज के कटऑफ़ को मिलाएँ। यदि आपका स्कोर कटऑफ़ से ऊपर है, तो अगला चरण है – देखें कि किस क्वोटा में आपकी योग्यता आती है। दूसरा कदम: राज्य परामर्श की तिथि और पोर्टल को फॉलो करें, क्योंकि कई बार कटऑफ़ बदलते हैं और अतिरिक्त सीटें जुड़ती हैं। तीसरा, निजी कॉलेजों के लिए ट्यूशन फीस और एंटरप्रेन्योर सपोर्ट को भी मैट्रिक्स में देखना न भूलें, क्योंकि वही अक्सर निर्णय को प्रभावित करता है। अंत में, AIIMS और अन्य केंद्र सरकार के संस्थानों के अलग एंट्री प्रोसेस को जाँचें – वे अक्सर एक अतिरिक्त रैंक लिस्ट जारी करते हैं।

जब आप इन सभी बिंदुओं को एक साथ रखेंगे, तो मैट्रिक्स आपके लिए एक रोडमैप बन जाता है। उदाहरण के तौर पर, 2025 के आँकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली में सरकारी कॉलेजों में कुल 300 MBBS सीटें हैं, जिनमें 180 सामान्य, 70 अर्ली डॉग और 50 निहित‑हैद। समान समय में निजी कॉलेजों में 250 सीटें, लेकिन ट्यूशन अधिक है। यदि आपका NEET स्कोर 580 है, तो आप सरकारी अर्ली डॉग या निजी सामान्य सीट दोनों के लिये योग्य हो सकते हैं, लेकिन यह तय करना होगा कि किस विकल्प में आपका भविष्य बेहतर रहेगा।

एक और ध्यान देने योग्य बात है कि कई पब्लिक लिस्टेड मैट्रिक्स में सीट संधारण (seat reservation) के लिये विभिन्न श्रेणियों (SC, ST, OBC) की अलग‑अलग क्वोटा निर्धारित होती है। इसलिये अगर आप किसी आरक्षित वर्ग से हैं, तो इस क्वोटा को भी देखना जरूरी है, क्योंकि यही अक्सर कटऑफ़ को थोड़ा घटा देता है और आपके लिये बेहतर विकल्प खोलता है। इसी तरह के डेटा को नज़र में रखकर आप अपने रूट मैप को और सटीक बना सकते हैं।

संक्षेप में, MBBS सीट मैट्रिक्स सिर्फ़ एक सूची नहीं, बल्कि आपके मेडिकल कैरियर का नक्सा है। इसे सही तरीके से पढ़ना, NEET, AIIMS और राज्य परामर्श के साथ जोड़ना, और विभिन्न क्वोटा की जानकारी रखना, आपके लिये सबसे अच्छा प्रवेश विकल्प चुनने में मदद करता है। नीचे आप देखेंगे कई लेख और अपडेट जो 2025 की सीट मैट्रिक्स, कटऑफ़ ट्रेंड और सलाह‑मशवरा पर विस्तार से बात करेंगे, इसलिए आगे पढ़ते रहें।

NEET UG 2025: देशभर के MBBS कॉलेजों के लिए सीट मैट्रिक्स जारी, काउंसलिंग 21 जुलाई से

NEET UG 2025: देशभर के MBBS कॉलेजों के लिए सीट मैट्रिक्स जारी, काउंसलिंग 21 जुलाई से

NEET UG 2025 MBBS सीट मैट्रिक्स जारी हो गई है। देशभर के कॉलेजों की सीटों का बंटवारा साफ हो गया है। 21 जुलाई से अखिल भारतीय और राज्य स्तर पर काउंसलिंग शुरू होगी। सरकारी, निजी, डीम्ड और ESIC मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग-अलग सीट मैट्रिक्स दी गई है। सभी कॉलेजों को इसके अनुसार ही एडमिशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

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