बजट 2025‑26 का पूरा गाइड
बजट 2025‑26 के बारे में बात शुरू करने से पहले, जब हम इस शब्द को परिभाषित करते हैं तो इसे समझना आसान हो जाता है। बजट 2025‑26, भारत सरकार का वार्षिक वित्तीय योजना, जिसमें राजस्व, खर्च और नीतियों का समग्र ढांचा दिया जाता है. इसे अक्सर वित्तीय बजट कहा जाता है। इसी तरह वित्त मंत्रालय, देश के वित्तीय मामलों को नियोजित करने वाला मुख्य सरकारी विभाग बजट तैयार करता है, और आयकर, वित्तीय वर्ष में जनता से ली जाने वाली मुख्य कर श्रेणी में भी इस बार कई बदलाव सामने आए हैं। ये तीनों घटक मिलकर बजट को आकार देते हैं।
मुख्य घटक और उनका आपसी संबंध
बजट 2025‑26 सरकारी खर्च को बढ़ाने की योजना पेश करता है, जिससे बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर अतिरिक्त फंड मिलेगा। सरकारी खर्च, राजकोष से विभिन्न योजनाओं और विभागों को वितरित की जाने वाली राशि सीधे आयकर और व्यक्तिगत कर दरों से जुड़ा है। दूसरा प्रमुख तत्व राजकोषीय घाटा, संपूर्ण राजस्व से अधिक खर्च होने पर उत्पन्न अंतर है, जिसे बजट में घटाने के लिए टैक्स बेस का विस्तार किया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि नया आयकर स्लैब और वैट रीफ़ॉर्म राजकोषीय घाटा को कम करेगा, जबकि सरकारी खर्च को संतुलित रखेगा।
एक और महत्वपूर्ण संबंध है आर्थिक नीति, सरकार की कुल आर्थिक दिशा‑निर्देशन, जिसमें मौद्रिक और राजकोषीय उपाय शामिल हैं और बजट के बीच। आर्थिक नीति को साकार करने में बजट एक प्रमुख साधन है, क्योंकि यह नीति‑निर्धारकों को वित्तीय उपकरण देता है। इस वर्ष की योजना में मौद्रिक नीति में बदलाव नहीं, लेकिन राजकोषीय नीति में टैक्स इन्सेंटिव्स और सब्सिडी पर ज़ोर दिया गया है। परिणामस्वरूप, छोटे व्यवसाय और स्टार्ट‑अप को आसान फंडिंग मिलने की उम्मीद है।
बजट में स्थायी कर सुधार का उल्लेख भी है, जो सीधे आयकर के स्लैब को पुनः संरचित करेगा। नया आयकर ढांचा मध्य‑और उच्च‑आय वर्ग को थोड़ा हल्का करेगा, जबकि कम आय वर्ग पर थोड़ी‑बहुत बढ़ोतरी होगी। यह बदलाव आयकर, वित्तीय वर्ष में जनता से ली जाने वाली मुख्य कर श्रेणी को सामाजिक न्याय के साथ संतुलित करने की कोशिश है। साथ ही, डिजिटल लेन‑देन को बढ़ावा देने के लिये आरटीओएस शुल्क में छूट दी गई है, जिससे कर संग्रह में बढ़ोतरी हो सकती है।
बजेट 2025‑26 का एक अन्य प्रमुख बिंदु निवेश योजना, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास के लिए दी जाने वाली पूंजी है। इस योजना में ग्रामीण सड़कों, बिजली ग्रिड और जलमार्गों में नई निधि शामिल है। इसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देना और शहर‑ग्रामीण गैप को कम करना है। इन निवेशों के साथ, वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अगले पाँच साल में ग्रेड‑ए शहरी‑ग्रामीण अंतराल में 20% तक कमी आएगी।
जब बजट को समझते हैं, तो यह देखना जरूरी है कि यह आम नागरिक की जेब पर कैसे असर डालता है। नई टैक्स स्लैब, खर्चीली योजनाएँ और निवेश प्रोजेक्ट्स सभी मिलकर आर्थिक माहौल को बदलते हैं। यदि आप एक गृहिणी, छोटे व्यवसायी या नौकरीपेशा हैं, तो इस बजट के हिस्से जैसे आयकर बदलाव, सब्सिडी और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए बजट को पढ़ना सिर्फ अधिकारी या अर्थशास्त्री का काम नहीं, बल्कि हर भारतीय की ज़िम्मेदारी है।
इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, नीचे की लिस्ट में आप बजट 2025‑26 से जुड़े नवीनतम समाचार, विश्लेषण और विशेषज्ञ की राय पाएँगे। चाहे आपको टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना हो, नई सरकारी योजना का लाभ उठाना हो, या सिर्फ आर्थिक दिशा‑निर्देश समझना हो—यहाँ सब मिलेगा। आइए, अब उन लेखों की ओर बढ़ते हैं जो आपके सवालों के जवाब देंगे।