स्विट्जरलैंड की एक आपराधिक अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को घरेलू नौकरों के शोषण के आरोप में चार से साढ़े चार साल की सजा सुनाई है। इन आरोपितों में प्रमुख भारतीय उद्योगपति प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्रवधु शामिल हैं।
हिंदुजा परिवार पर मुख्य आरोप उनकी जिनेवा स्थित आलीशान विला में घरेलू नौकरों का शोषण और उनकी कमजोर स्थिति का फायदा उठाने का था। अदालत ने पाया कि उन्होंने भारतीय मूल के अधिकांश तौर पर अनपढ़ नौकरों को प्रताड़ित किया, जिनमें से कई का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था।
ये नौकर सामान्यतः काफी लंबे समय तक काम करने के बाध्य थे, और उन्हें स्विस फ्रैंक के बजाय भारतीय रुपये में मामूली भुगतान किया जाता था। इसके अलावा, नौकरों को विला से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी, जिससे उनकी स्वतंत्रता पूरी तरह से सीमित हो गई थी।
आरोपियों का दावा था कि नौकर अपनी स्थिति और परिस्थितियों को अच्छी तरह से समझते थे, और उन्हें हमारी गतिविधियों की पूर्ण जानकारी थी। इस बचाव के आधार पर अदालत ने मानव तस्करी के आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन घरेलू नौकरों के शोषण और अनधिकृत रोजगार देने के आरोपों में उन्हें दोषी ठहराया।
हिंदुजा परिवार का इतिहास भारत से गहरा जुड़ा हुआ है और वे पिछले कई दशकों से स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। प्रकाश हिंदुजा जो कि एक प्रमुख उद्योगपति हैं, पहले भी 2007 में समान आरोपों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। 2000 में उन्होंने स्विस नागरिकता प्राप्त की थी और वे अपने तीन भाइयों के साथ एक विशाल उद्योगिक समूह का नेतृत्व करते हैं।
इस मामले में हिंदुजा परिवार के व्यापार प्रबंधक नजीब ज़ियाज़ी को 18 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई। मामला सार्वजनिक होने के बाद परिवार ने अपने नौकरों के साथ अज्ञात राशि में समझौता कर लिया था। इसके अतिरिक्त, स्विस अधिकारियों ने कानूनी खर्च और संभावित दंड को कवर करने के लिए परिवार की हीरे, रूबी, एक प्लेटिनम हार, और अन्य आभूषण और संपत्तियों को जब्त कर लिया था।
फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति लगभग $20 बिलियन है। अपने चचेरे भाइयों के साथ मिलकर, प्रकाश हिंदुजा एक विशाल औद्योगिक समूह का नेतृत्व करते हैं। इस तथ्य के बावजूद, मामले के निर्णय ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है और कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है।
इस मामले ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और भविष्य में मजदूरों के अधिकारों की सुनिश्चितता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हिन्दुजा परिवार का अपनी संपत्ति को लेकर अभी एक अलग टैक्स केस भी लंबित है, जो कि आने वाले समय में और अधिक जटिलताओं को उत्पन्न कर सकता है।
समाप्ति में, न्यायपालिका का यह कदम समाज के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में शोषण और अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं और शोषण का शिकार हैं, उनके लिए यह फैसला एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
टिप्पणियां भेजें