भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई होने वाली है, जिसमें अक्टूबर 2024 में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पीजी (NEET PG) 2024 को स्थगित करने की मांग की गई है। इस याचिका में तार्किक समस्याओं और परीक्षा के समय के कारण छात्रों को हो रही कठिनाइयों पर विचार किया गया है। याचिका का कहना है कि वर्तमान परीक्षा समय-सारणी अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षाओं के साथ मेल खाती है, जिससे छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाता है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि परीक्षा केन्द्रों की उपलब्धता और इसके कारण छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को देखते हुए परीक्षा की तिथि को पुनर्निर्धारित करना आवश्यक है। प्रस्तुत याचिका में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) को उत्तरदाता के रूप में नामित किया गया है।
याचिकाकर्ताओं का यह कहना है कि परीक्षा कार्यक्रम का पुनः निर्धारण हजारों छात्रों की तैयारी और मानसिक शांति के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। वर्तमान कार्यक्रम के मुताबिक NEET PG 2024 की परीक्षा 6 अक्टूबर 2024 को आयोजित होनी है, जो अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षाओं के साथ मेल खा रही है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया है कि वह वर्तमान परीक्षा की तिथि को स्थगित करने का निर्देश दे।
परीक्षा केन्द्रों की सीमित संख्या और इनके बीच की दूरी छात्रों के लिए एक और बड़ी चुनौती है। बहुत से छात्र दूर-दूर के परीक्षा केन्द्रों पर जाने के लिए विवश होते हैं, जिसके कारण उनका कीमती समय यात्रा में खर्च हो जाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ स्थानों पर परीक्षा केन्द्रों की अनुपलब्धता के कारण कई छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
विगत वर्षों में भी NEET PG परीक्षा के समय-सारणी से जुड़ी समस्याएँ छात्रों के लिए एक गंभीर मुद्दा रही हैं। इस वर्ष भी यह मामला उभर कर सामने आया है। बहुत से छात्रों और उनके अभिभावकों का मानना है कि परीक्षा कार्यक्रम की अराजकता के कारण छात्रों की स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
लॉजिस्टिकल इश्यू के कारण अनेक छात्रों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इनमें से मुख्य समस्याएँ निम्न प्रकार से व्यक्त की जा सकती हैं:
अगर ये समस्याएँ और भी तीव्र हो जाती हैं, तो यह छात्रों के लिए भारी परेशानी का कारण बन सकती हैं और इससे उनकी परीक्षा में प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या निर्णय लेती है। इसके फैसले से देशभर के हज़ारों छात्रों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। यह मामला अदालत के समक्ष रखते हुए याचिकाकर्ताओं ने इसके विस्तार और छात्रों पर संभावित प्रभावों पर जोर दिया है।
छात्र समुदाय इस महत्वपूर्ण फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला उनके हित में होगा और उन्हें उचित समय और स्थिति में परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यह देखा जाना बाकी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कैसे कदम उठाएगी और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के लिए क्या निर्णय लेगी।
NEET PG परीक्षा का समय हर साल बदलता रहता है और इससे हजारों छात्रों के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस बार भी छात्रों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यह याचिका कोर्ट में दायर की गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि संस्थान और छात्र लोग मिलकर इस समस्या का कोई उचित समाधान निकाल पाएंगे या नहीं।
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