सुनिता विलियम्स के पुराने वीडियो का भ्रामक दावा: हाल से जोड़कर शेयर किया गया

एक वीडियो जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, उसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा किया। इस वीडियो को लेकर लोग काफी उत्सुक हैं, विशेषकर भारत में, जहां सुनिता विलियम्स को काफी प्रतिष्ठा प्राप्त है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह वीडियो नया नहीं है। वास्तव में यह वीडियो नवंबर 2012 का है, जब सुनिता विलियम्स आईएसएस की कमांडर थीं। उस समय, उन्होंने एक विस्तृत दौरे का वीडियो बनाया था, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।

यह जानकर चौंकाने वाली बात यह है कि आज के समय में जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होना बहुत आसान हो गया है, तब भी लोगों को इसे पहचानने की जरूरत है कि वे जो देख रहे हैं वह सच्चाई है या नहीं। सुनिता विलियम्स के इस वीडियो को देखने वाले कई लोग इस भ्रम में आ गए हैं कि वे अभी भी आईएसएस पर हैं और हाल ही में यह वीडियो रिकॉर्ड किया गया है। लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि सुनिता इस समय आईएसएस पर एक अलग मिशन के तहत कार्यरत हैं, और यह वीडियो उनके वर्तमान मिशन का हिस्सा नहीं है।

इस वायरल वीडियो के असली सच तक पहुंचने के लिए, कुछ लोगों ने वीडियो के कीफ्रेम का रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह वीडियो वास्तव में 20 नवंबर 2012 को नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया था। यह स्पष्ट करता है कि वायरल हो रहे वीडियो का सुनिता विलियम्स के वर्तमान मिशन से कोई लेना-देना नहीं है।

फिलहाल, सुनिता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी विलमोर मई 2024 से आईएसएस पर हैं और उनका वहां रहना फरवरी 2025 तक होगा। इसका कारण है कि बोइंग स्टारलाइनर परीक्षण उड़ान में तकनीकी समस्याएं हो गई हैं। इस वजह से उनका मिशन जो शुरुआत में सिर्फ 10 दिनों का था, अब बढ़कर 240 दिनों का कर दिया गया है। वे वापस लौटेंगे 2025 में नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्षयान में।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी बहुत तेजी से फैलती है। यह जरूरी है कि लोग ऐसी किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सच्चाई को जांच लें। इसके साथ ही, मीडिया को भी इस दिशा में लोगों को जागरूक करने का काम करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की भ्रांतियों से बचा जा सके।

अंतरिक्ष में इसी तरह के अभियानों का महत्व काफी बड़ा होता है क्योकि ये आने वाले समय में विज्ञान के क्षेत्र में नये खोज उत्पन्न कर सकते हैं। सुनिता विलियम्स और उनके साथियों का मिशन भी एक ऐसा ही प्रयास है, जो विज्ञान की दुनिया में नए अध्याय जोड़ने का काम करेगा।

टिप्पणियां भेजें