जब शुबमन गिल, भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान की घोषणा हुई, तो BCCI ने पश्चिमी इंडीज़ के खिलाफ दो‑मैच टेस्ट श्रृंखला की टीम घोषित की। यह घोषणा 25 सितंबर 2025 को हुई और भारतीय क्रिकेट में नेतृत्व परिवर्तन का एक बड़ा संकेत माना गया।
पिछले साल भारत ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में लगातार तीन टेस्ट जीतें, परन्तु टीम के भीतर कप्तान‑केंद्री निर्णय लगातार चर्चा का विषय रहे हैं। अजय शुभा (बोर्ड के चयन समिति के सदस्य) ने कहा था, “कप्तान का चयन इस बात पर निर्भर करता है कि टीम को किस दिशा में ले जाना है, न कि सिर्फ व्यक्तिगत आँकड़े।” इसीलिए शुबमन को इस भूमिका में देखा गया।
वेस्ट इंडीज़ का दौरा 2 सितंबर से 6 सितंबर तक पहला टेस्ट और 10 सितंबर से दूसरा टेस्ट लेकर आएगा। इस श्रृंखला के लिए भारत‑वेस्ट इंडीज़ टेस्ट सीरीज़ 2025कैरिक अर्ल्स, बॉम्बे को भारत के घर के मैदान पर आयोजित किया जाएगा।
नए चयन के अनुसार 15‑खिलाड़ियों की सूची में डेवदत्त पादिक्कल ने अपने टेस्ट करियर में वापसी की। वहीं करुण नायर, सर्फराज खान और मनव सुथार को बाहर कर दिया गया। कई दर्शकों को यह आश्चर्यचकित कर गया क्योंकि ये खिलाड़ी पिछले कई श्रृंखलाओं में सीमित अवसरों पर दिखा चुके थे।
स्पिन विभाग में अक्सर पटेल की वापसी की पुष्टि हुई, साथ ही वॉशिंगटन सुंदर को भी चयनित किया गया। इससे टीम के निचले क्रम में बैटिंग गहराई बढ़ेगी, जैसा कि कई विशेषज्ञों ने कहा है।
बहु‑आयामी विचारों के बाद, रविंद्र जडेजा को उपकप्तान घोषित किया गया। जडेजा की फील्डिंग और सभी परिस्थितियों में बैटिंग का अनुभव सामने रखी गई रणनीति का मुख्य आधार है।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इरफ़ान पठान ने अपने यूट्यूब चैनल पर टीम संरचना पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अक्सर की वापसी से टीम को बुनियादी स्थिरता मिलेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कुलदीप यादव का रास्ता बंद हो गया। घर के कंडीशन में दो तेज़ गेंदबाजों की जगह कम होती है, इसलिए विकल्प सीमित होते हैं।”
पठान ने आगे कहा, “यदि मैं चयनकर्ता होता तो मैं एक युवा तेज़ गेंदबाज को मौका देता, क्योंकि दीर्घकालिक विकास के बिना टीम की स्थिरता नहीं बन सकती।” उन्होंने जसप्रीत बुमराह की टेस्ट प्रतिबद्धता को भी सराहा, “बुमराह का टेस्ट क्रिकेट में रहना भारतीय पिच पर बहुत बड़ा लाभ है।”
नौजवां तेज़ गेंदबाज़ों के लिए इस श्रृंखला में सीमित स्थान है, परन्तु कई दिग्गजों ने संकेत दिया कि आगे आने वाले घरेलू सीज़न में उन्हें मौका मिलेगा। उदाहरण के लिये, शिवादत सिंह के तेज़ गेंदबाज़ी शैली को देखते हुए, चयनकर्ता टीम में दो और तेज़ गेंदबाज़ जोड़ने की संभावना का अनुमान लगा रहे हैं।
नियोक्ता और कोचिंग स्टाफ ने भी कहा: “हर नई श्रृंखला हमें अवसर देती है कि हम टीम का संतुलन पुनः स्थापित करें। शुबमन की कप्तानी में खिलाड़ियों को नई ज़िम्मेदारी मिलनी चाहिए, और यह युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करने का मंच देगा।”
पहले टेस्ट के परिणाम के बाद चयनकर्ता टीम में संभावित बदलाव की तलाश करेंगे। यदि भारत जीतता है, तो शुबमन की नेतृत्व शैली में विश्वास बढ़ेगा और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को अधिक मौका मिलेगा। अगर परिणाम उल्टा रहा, तो दबाव बढ़ेगा और अगले श्रृंखला में रणनीति पुनःवलन की संभावना होगी।
वेस्ट इंडीज़ की ओर से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है, परन्तु उनका कोच रवि शेखर ने कहा था, “हम भारत के नए कप्तान का सम्मान करेंगे और हमारे फील्ड में अनुकूल परिस्थितियों का पूरा उपयोग करेंगे।”
भारत ने 2012 में जब महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बनाया था, तब भी टीम ने बड़े परिवर्तन देखे थे। तब के बाद भारत ने कई बड़े विज़यों हासिल कीं, और आज शुबमन का नाम भी उसी स्तर पर तुलना में लाया जा रहा है। इस तरह के परिवर्तन अक्सर टीम के भीतर नई ऊर्जा लाते हैं।
शुबमन की कप्तानी, जडेजा की उपकप्तानी और नई चयन नीतियों के साथ, भारत का टेस्ट क्रिकेट एक नई दिशा में कदम रख रहा है। शुरुआती प्रदर्शन ही भविष्य की दिशा तय करेगा, और प्रशंसक इस संघर्ष को बेकरार निगाहों से देखेंगे।
शुबमन ने पिछले दो साल में लगातार 450 रन बनाकर बीसीसीआई के चयनकर्ता का भरोसा जीत लिया। उनके तकनीकी समझ और फील्डिंग कौशल को देखते हुए बोर्ड ने उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी दी।
कुल 15 खिलाड़ी चुने गए हैं, जिनमें शुबमन गिल, रविंद्र जडेजा, अक्सर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह और दावेदत्त पादिक्कल शामिल हैं।
वर्तमान चयन में कुलदीप की जगह नहीं बनी है, क्योंकि घर की पिच पर दो तेज़ गेंदबाजों की सीमित आवश्यकता है। लेकिन यदि शुरुआती दो टेस्ट में गेंदबाज़ी में कमी दिखी तो उन्हें बेंच से मौका मिल सकता है।
वेस्ट इंडीज़ का मुख्य लक्ष्य पहले टेस्ट में ड्रॉ या जीत हासिल करना है, ताकि भारत के नए कप्तान पर रचना बनने वाले दबाव को कम किया जा सके। उनका कोच रवि शेखर ने कहा है कि वे भारतीय पिच की अनुकूलता को समझते हुए अपनी गेंदबाज़ी में बदलाव करेंगे।
जीत मिलने पर BCCI शुबमन को लंबी अवधि के लिए कप्तान बनाए रखने की योजना बना रहा है और युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक खेलाने के लिए एक नई चयन नीति लागू करेगा।
टिप्पणि
Rashi Nirmaan सितंबर 30, 2025 AT 22:55
भारत की टीम में शुबमन गिल को कप्तान बनाना राष्ट्रीय गौरव की अभिव्यक्ति है और हमें इस नई दिशा में पूर्ण विश्वास होना चाहिए