Shillong Teer एक बेहद खास खेल है, जो मेघालय में खेला जाता है। ये सिर्फ कोई लॉटरी नहीं, बल्कि तीरंदाजी के पारंपरिक खेल और सट्टेबाज़ी का अनोखा मेल है। हर दिन सैकड़ों तीरंदाज मैदान में जुटते हैं और दर्जनों लोग विजय संख्याओं का अंदाजा लगाते हैं। पूरे राज्य में यह खेल एक बड़ी सांस्कृतिक परंपरा बन गई है।
इसमें दो राउंड होते हैं। पहले राउंड में दोपहर करीब 3:30 बजे और दूसरे राउंड का रिजल्ट करीब 4:30 बजे घोषित होता है। तीरंदाज एक निश्चित समय में तीर चलाते हैं और फिर उनके द्वारा चलाए गए कुल तीरों की गिनती की जाती है। इसका अंतिम अंक – यानी यूनिट प्लेस का डिजिट, ही विजेता नंबर बनता है। जैसे, अगर कुल तीरों की संख्या 645 है, तो विजयी नंबर 5 हुआ।
Shillong Teer में कोई भी व्यक्ति अधिकृत काउंटर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए टिकट खरीद सकता है। टिकट की बिक्री सुबह 10 बजे शुरू हो जाती है, और आपको रिजल्ट के ऐलान से पहले दांव लगाना होता है। पहला राउंड यानी ‘फर्स्ट’ का रिजल्ट दोपहर 3:30 बजे और दूसरा यानी ‘सेकंड’ का रिजल्ट 4:30 बजे आता है। इन दो नंबरों को मैच करने वाले को ईनाम मिलता है।
20 दिसंबर को शिलांग तीर खेलने वाले लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए टिकट लेते हैं, फिर रिजल्ट का इंतजार करते हैं। हालांकि, आज का रिजल्ट अभी ऑफिशियल तौर पर जारी नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही नंबर घोषित होंगे – लोग या तो खुशी से झूम उठेंगे या फिर अगले दिन के लिए अपनी किस्मत आजमाने की सोचेंगे।
यह खेल Shillong Teer न केवल गेम या लॉटरी है, बल्कि पूरे इलाके में रोजगार और सांस्कृतिक पहचान भी देता है। इसी वजह से इसकी लोकप्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही। अगर आप भी इसमें हिस्सा लेने की सोच रहे हैं, तो खेल के नियम और इसके पारंपरिक महत्व को जरूर जान लें।
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