समीर डे: ओडिशा के पूर्व मंत्री और अनुभवी बीजेपी नेता का निधन

समीर डे: एक प्रख्यात राजनेता का निधन

ओडिशा की राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता समीर डे का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार को कटक के अश्विनी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका देहांत हुआ। पिछले कुछ समय से वे गंभीर स्वास्थ समस्याओं से जूझ रहे थे, जिनमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह शामिल थे। दो साल पहले उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण भी करवाया था। हाल ही में उन्हें निमोनिया और लिवर इंफेक्शन हो गया था, जिसके चलते उनकी हालत और भी गंभीर हो गई।

राजनीति में डे का योगदान: एक यादगार यात्रा

समीर डे का राजनीतिक सफर ओडिशा और भारतीय जनता पार्टी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था। उन्होंने 1990 के दशक में पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में खड़ा किया। वे 1995, 2000 और 2004 में लगातार कटक सिटी से ओडिशा विधान सभा के लिए चुने गए। उस दौर में भाजपा ने उनकी नेतृत्व क्षमता से प्रेरित होकर राज्य की राजनीतिक धारा को बदलने का कार्य किया। खासकर युवाओं के बीच उनका प्रभाव और समर्थन उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाता था, जिसने पार्टी की नीतियों और एजेंडे को जन-जन तक पहुंचाया।

शिक्षा और शहरी विकास के क्षेत्र में डे का योगदान

समीर डे का योगदान सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने शिक्षा और शहरी विकास के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने 2000 से 2004 तक राज्य के शहरी विकास तथा उच्च शिक्षा विभाग का नेतृत्व किया और 2004 से 2009 तक मुख्य मंत्री नवीन पटनायक की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में सेवा दी। इस दौरान उन्होंने दो से तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना कटक में की, जिससे शिक्षा क्षेत्र में सुधार हुआ। उन्होंने कटक को एक आधुनिक शहर बनाने का सपना देखा और इस दिशा में नक्शे कदम उठाए। डे के प्रयासों के कारण शहर का विकास हुआ और शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ। उनके नेतृत्व में कटक में कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना हुई।

देशभर के नेताओं द्वारा जताई गई श्रद्धांजलि

समीर डे के निधन पर राज्य और देशभर के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरन मांझी, जो इन दिनों सिंगापुर के चार दिवसीय दौरे पर हैं, ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया और घोषणा की कि डे के अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डे राम जन्मभूमि आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे और कटक तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में लोगों के साथ संबंध बनाकर एक उदारहण स्थापित किया। कटक के सांसद भरतृहरी महताब ने डे की दृष्टि की सराहना की और कहा कि वह कटक को एक आधुनिक शहर में बदलने की आकांक्षा रखते थे और इसके लिए अथक प्रयास किया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भी अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि डे की योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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