भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 26 जून को संसद भवन में अपने कार्यालय में दो बहुत ही विशेष मेहमानों का स्वागत किया। ये मेहमान थे हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की दो छोटी पोतियाँ। इन बच्चियों का स्वागत प्रधानमंत्री ने बड़े ही उत्साह और उष्मा से किया। जब वे lilac रंग के एक जैसे वस्त्रों में आईं तो उनका नन्हा सा देशभक्ति गीत सुनकर प्रधानमंत्री बहुत खुश हुए। इस भावना से भरा और प्यार भरा वो मुलाकात का क्षण सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
इस मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को इन बच्चियों को गले लगाते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो उन तमाम भारतीयों के दिल को छू गया है जो बच्चों की मासूमियत और प्रेम से भरी इस मुलाकात को देख रहे हैं।
इस मुलाकात की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। दिसंबर पिछले साल, राज्यपाल दत्तात्रेय ने अपनी पोती जशोधरा का एक वीडियो X पर साझा किया था, जिसमें वह एक प्रेरक कविता सुना रही थी। इस कविता में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की देशभक्ति और सेवा भावना की तारीफ की थी। प्रधानमंत्री ने भी उस वीडियो को पुन: साझा किया था और उस बच्ची के रचनात्मक और प्यारे शब्दों की सराहना की थी।
इस कविता की लाइनें, जैसे 'जिसने अपना जीवन भारत के नाम किया...' और 'हाथ जोड़ मोदी जी को नमन करे...' अत्यंत भावपूर्ण थीं। इसने प्रधानमंत्री मोदी को प्रभावित किया और उसी भाव से इस बार की मुलाकात में उन्होंने उन बच्चियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री के व्यस्त दिनचर्या में ऐसे मुलाकात के पल, राहत भरे क्षण लेकर आते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग जब प्रधानमंत्री से मिलते हैं, तो यह उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव होता है। परंतु जब छोटे बच्चे आकर अपने नन्हे हाथों से देशभक्ति व्यक्त करते हैं, तो यह प्रधानमंत्री के लिए भी एक संजीवनी बूटी की तरह होता है।
प्रधानमंत्री मोदी की बच्चों के प्रति यही संवेदनशीलता और उनका उज्ज्वल भविष्य के प्रति चिंतन उनके व्यक्तित्व को और ऊँचाई प्रदान करता है। चाहे वह 'मन की बात' हो या ऐसे सजीव मुलाकात, उनका प्रत्येक कदम बच्चों और युवाओं को सदैव प्रेरित करता है।
यह वीडियो और प्रधानमंत्री की बच्चियों के साथ बातचीत सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से फैल गया। लोग प्रधानमंत्री मोदी की मासूम बच्चों के प्रति प्यार और स्नेह की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। यह नजारा दिखाता है कि हमारे प्रधानमंत्री न केवल एक मजबूत नेता हैं, बल्कि दिल से भी बहुत ही कोमल और संवेदनशील हैं।
अंततः, यह मुलाकात हमें यह सिखाती है कि राजनीति और व्यस्तता के बीच में भी मानवीय संवेदनाओं का महत्व कितनी गहराई से समझा जा सकता है। बच्चों के साथ बिताए हुए ये छोटे पल न केवल उनकी मासूमियत और स्नेह को दर्शाते हैं, बल्कि नेताओं के जीवन में भी एक नई प्रेरणा और नई उम्मीद जगाते हैं।
इस प्रकार की मुलाकातें और घटनाएं जब सोशल मीडिया पर साझा की जाती हैं, तो यह पूरे देशवासियों को एक सकारात्मक संदेश देती है। बच्चों का यह स्नेह, उनकी मासूम हंसी, और उनके मनोभावना से भरे शब्द हमें याद दिलाते हैं कि सच्चाई और सरलता में ही असली सुंदरता है। उम्मीद है कि आने वाले समय में भी ऐसे पल हमें देखने को मिलते रहेंगे जो न केवल हमें प्रेरित करेंगे बल्कि हमें एक सजीव उदाहरण भी प्रस्तुत करेंगे कि नेताओं और जनता के बीच एक गहरा और हार्दिक संबंध होता है।
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