प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मई 2025 की दोपहर पंजाब के आदमपुर एयरफोर्स बेस का बिना पूर्व सूचना के दौरा किया। यह वही एयरबेस है जिसे लेकर पाकिस्तान लगातार झूठा दावा कर रहा था कि यहां भारत का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम उसकी मिसाइल स्ट्राइक में तबाह हो गया है। मोदी ने खुद मौके पर पहुंचकर न सिर्फ इन दावों की हवा निकाल दी, बल्कि भारतीय वायुसेना और सैनिकों की बहादुरी को भी पूरे देश के सामने रखा।
बीते महीनों में आतंकवादी घटनाओं के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबर्दस्त तनाव का माहौल बना रहा। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के आतंकी ठिकानों पर सीधा हमला किया गया। पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई में 9 और 10 मई को आदमपुर एयरबेस को टारगेट किया गया। तब से पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर यही दावा किया जा रहा था कि S-400 सिस्टम पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान जो तस्वीरें सामने आईं, उनमें S-400 सिस्टम बिल्कुल साफ नजर आ रहा था और पूरी तरह सक्रिय था। मोदी ने जवानों के साथ सलाम किया और हर उस अफवाह का सीधा जवाब दिया, जो पाकिस्तान फैला रहा था। बेस पर मौजूद जवानों और अफसरों से बातचीत करके उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि देश को उनकी बहादुरी और समर्पण पर गर्व है। वहां 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के गगनभेदी नारे गूंज उठे।
मोदी की इस विजिट को कई मायनों में अहम माना जा रहा है। सबसे बड़ा संदेश तो पाकिस्तान को यही गया कि भारत का डिफेंस सिस्टम पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त है और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सक्षम है। दूसरी तरफ, इससे सैनिकों का मनोबल दोगुना हुआ। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी थी, मगर इस दौरे ने पाकिस्तान की चाल को बेनकाब कर दिया कि जमीनी हकीकत क्या है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साफ-साफ कहा कि सेना के जज्बे, साहस और निडरता के आगे देश हमेशा नमन करता है। पोस्ट के साथ मोदी की वह तस्वीर भी वायरल हुई जिसमें वह S-400 सिस्टम के पास खड़े नजर आ रहे हैं। साफ संदेश था – पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा झूठा है, और देश की सैन्य शक्ति में कोई कमी नहीं।
इस दौरे के बाद हर तरफ चर्चा है कि जब भी देश की सुरक्षा पर सवाल उठता है, तो राजनीतिक नेतृत्व और सेना, दोनों एकसाथ डटकर खड़े होते हैं। खास बात ये भी रही कि पाकिस्तान के दावों को भारतीय सेना पहले ही खारिज कर चुकी थी, लेकिन प्रधानमंत्री की फिजिकल उपस्थिति और मेसेज ने उसका भरोसा और ज्यादा मजबूत कर दिया।
देशवासियों के लिए यह दौरा एक बड़े भरोसे जैसा रहा, जिससे साफ हुआ कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, भारत पीछे हटने वालों में नहीं। सैनिकों का जज्बा और राजनीतिक नेतृत्व की हिम्मत, दोनों ने मिलकर पाकिस्तान के हर झूठे दावे की पोल खोल कर रख दी है।
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