पेरिस पैरालंपिक्स में अमेरिकी एथलीट एज़्रा फ्रेक ने जो कारनामा किया है, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। मात्र 19 साल की उम्र में फ्रेक ने दो स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। फ्रेक ने पुरुषों की हाई जंप स्पर्धा में 1.94 मीटर की कूद लगाई और नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया। यह उपलब्धि तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब यह ध्यान में रखा जाए कि फ्रेक का अपना ही विश्व रिकॉर्ड 1.96 मीटर का है, जिसे वह इस बार सिर्फ थोड़ा सा पीछे छोड़ सके।
फ्रेक ने सिर्फ हाई जंप में ही नहीं, बल्कि 100 मीटर टी स्प्रिंट में भी स्वर्ण पदक जीता। यह दौड़ उन्होंने 0.02 सेकंड के मामूली अंतर से डेनमार्क के डैनियल वाग्नर को हराकर जीती। उनका यह प्रदर्शन दिखाता है कि उनमें कितनी בלתי सीमित संभावनाएँ हैं।
फ्रेक का जीवन हमेशा से ही संघर्षों से भरा रहा है। उनके जन्म में ही उनकी अंगों में विकलांगता थी, जिसके कारण उन्होंने चार साल की उम्र में दौड़ने वाले ब्लेड का प्रयोग शुरू किया था। प्रारंभ में उन्होंने सॉकर, बास्केटबॉल और ट्रैक एंड फील्ड जैसे खेलों में भी भाग लिया। लेकिन 11 साल की उम्र में रियो पैरालंपिक्स को देखकर उन्होंने ठान लिया कि वह टोक्यो 2020 में हिस्सा लेंगे। यह सपना जो उस समय कई लोगों को असंभव प्रतीत हो रहा था, उन्होंने सच कर दिखाया।
टोक्यो में अपने पहले पैरालंपिक खेलों में, फ्रेक ने टी हाई जंप में हिस्सा लिया, लेकिन पांचवें स्थान पर रहे और पदक से चूक गए। यह अनुभव उनके जीवन का सबसे निराशाजनक अनुभव रहा। इस पर उन्होंने कहा, 'यह मेरे जीवन का सबसे दिल तोड़ने वाला क्षण था।' लेकिन उन्होंने इस निराशा को अपनी प्रेरणा बनाकर पेरिस में दो स्वर्ण पदक जीते।
फ्रेक अपने अद्वितीय खेल प्रदर्शन के बावजूद अपनी जिंदगी में एक बड़ा उद्देश्य रखते हैं। वह चाहते हैं कि उनकी उपलब्धियाँ विकलांगता को सामान्य बनाने की दिशा में योगदान करें। उन्होंने कहा, 'मैं हर पदक, हर विश्व रिकॉर्ड और हर राष्ट्रीय खिताब को छोड़ने के लिए तैयार हूँ, अगर इसका मतलब है कि मैं विकलांगता को सामान्य बना सकता हूँ।' उनकी यह सोच उनकी सामाजिक जागरूकता और मानवीयता को दर्शाती है।
फ्रेक का जीवन और उनके खेल में किये गए अद्वितीय प्रदर्शन ना केवल दुनियाभर के लोगों के लिए, बल्कि उन युवाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं, जो किसी विकलांगता के बावजूद अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत हैं।
फ्रेक की उपलब्धियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उनका भविष्य उज्जवल है। आने वाले समय में वे और भी कई रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं और अपनी चमत्कारी प्रदर्शन से दुनिया को प्रेरित कर सकते हैं। हालांकि, उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वह विकलांगता को सामान्य करने की दिशा में काम कर सकें। फ्रेक के चाहने वालों को उनसे और भी अद्वितीय उपलब्धियों की उम्मीद है और वे इस दिशा में हर तरह से उनका समर्थन करते हैं।
फ्रेक का प्रेरणादायक सफर यह दर्शाता है कि आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। यह सफर उन सभी के लिए मार्गदर्शक है, जो अपने जीवन में किसी भी तरह के संघर्षों का सामना कर रहे हैं।
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