धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आज रात खेला गया IPL 2025 का मैच नंबर 54 एक ऐतिहासिक मुकाबला साबित हुआ — यह था इस स्टेडियम में आयोजित पहला IPL मैच। पंजाब किंग्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 37 रनों से हराकर प्लेऑफ की ओर अपना दावा मजबूत कर लिया। श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पंजाब ने 236/5 का भारी स्कोर खड़ा किया, जबकि प्रिंस यादव की टीम ने 199/7 पर अपनी पारी समाप्त कर दी।
पहली बार धर्मशाला में IPL: पिच का रहस्य खुला
धर्मशाला का ये स्टेडियम, समुद्र तल से लगभग 1,457 मीटर की ऊँचाई पर स्थित, पिछले कई सालों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन IPL के लिए यह पहली बार तैयार हुआ। पिच का हाल बिल्कुल बैटिंग-फ्रेंडली रहा — गेंद जमीन से अच्छी तरह उछली, और बल्लेबाजों को अपनी शॉट्स खेलने का पूरा मौका मिला। लेकिन शुरुआती ओवरों में फास्ट बॉलर्स के लिए भी एक फायदा था: नई गेंद के साथ हल्का सा स्विंग और मूवमेंट था। स्पिनर्स के लिए ये पिच बेहद चुनौतीपूर्ण रही — गेंद जमीन पर बहुत कम घूमी।
पंजाब की बैटिंग ने बदल दी गेम की दिशा
लखनऊ ने टॉस जीतकर फील्डिंग का फैसला किया, लेकिन ये फैसला उनके लिए बर्बादी साबित हुआ। पंजाब की पारी की शुरुआत खराब हुई — प्रियांश अर्या का तुरंत आउट हो जाना। लेकिन तभी प्रभसिमरन सिंह ने जल्दी में आग लगा दी। 48 गेंदों में 91 रनों का धमाकेदार प्रदर्शन — जिसमें 11 चौके और 5 छक्के शामिल थे — ने पूरी टीम को बेहद ऊँचा टारगेट दिलाया। जॉश इंग्लिस ने केवल 14 गेंदों में 30 रन बनाकर रफ्तार बढ़ाई, और कप्तान श्रेयस अय्यर ने 25 गेंदों में 45 रनों की शानदार इनिंग्स खेली। ये तीनों बल्लेबाज मिलकर पंजाब के 236 के स्कोर का 78% हिस्सा बनाए।
लखनऊ की बैटिंग: शुरुआत तो अच्छी, लेकिन अंत नहीं
लखनऊ की बैटिंग शुरू में अच्छी लग रही थी। लेकिन जैसे ही पंजाब के स्पिनर्स ने गेंदबाजी शुरू की, लखनऊ की टीम धीरे-धीरे फंसने लगी। टीम के कप्तान प्रिंस यादव ने बस एक गेंद पर ही आउट होकर अपनी टीम के लिए बहुत कम योगदान दिया। अवेश खान ने 10 गेंदों में 19 रन बनाए, लेकिन उनकी इनिंग्स भी बहुत जल्दी समाप्त हो गई। बाकी बल्लेबाज अक्सर बॉल को टाइमिंग के बजाय जोर से मारने की कोशिश करते रहे — जिससे विकेट लगते रहे। अंत तक उनका स्कोर 199/7 रहा, जो बहुत बड़ा नहीं था।
प्लेऑफ रेस में बदलाव: अब बारी पंजाब की
मैच से पहले पंजाब के पास 13 पॉइंट्स थे और वे पांचवें स्थान पर थे। लखनऊ के पास 12 पॉइंट्स थे और वे छठे स्थान पर थे। इस जीत के बाद पंजाब के पास 15 पॉइंट्स हो गए — अब वे टॉप फोर के लिए सीधे रास्ते पर हैं। दूसरी ओर, लखनऊ के पास अब बस 12 पॉइंट्स ही रह गए हैं, और उनके पास बस दो मैच बाकी हैं। उन्हें दोनों जीतना होगा, और साथ ही अन्य टीमों के नतीजों पर भी निर्भर करेगा।
पिछले मुकाबले: लखनऊ का जादू अब टूट रहा है?
इससे पहले दोनों टीमों के बीच 5 मैच खेले गए थे, जिनमें लखनऊ ने 3 जीत हासिल की थी। लेकिन इस सीजन में दोनों टीमों के बीच पहले मैच में पंजाब ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी। अब ये दूसरी बार पंजाब ने लखनऊ को हराया है — और इस बार भी बड़े अंतर से। लखनऊ के लिए ये एक बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका है। जबकि पंजाब की टीम अब बेहद आत्मविश्वास से भर गई है।
मौसम और ऊँचाई: धर्मशाला का असर
धर्मशाला की ऊँचाई ने गेंद के उड़ने के तरीके पर असर डाला। बल्लेबाजों के लिए गेंद थोड़ी हल्की लगी, जिससे छक्के आसानी से निकले। लेकिन गेंदबाजों के लिए ये जगह एक नया चैलेंज था — हवा का बहाव अलग था, और गेंद का रिबाउंड भी अलग। आज बाहर का मौसम बिल्कुल बेहतर था — धूप थी, बारिश नहीं, और तापमान भी आरामदायक। ये सब मिलकर एक बेहतरीन क्रिकेट मैच का आयोजन करने में मदद की।
अगले कदम: क्या होगा अब?
पंजाब के लिए अब अगले दो मैच बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर वे इनमें से एक भी जीत लेते हैं, तो वे प्लेऑफ के लिए सुरक्षित हो जाएंगे। लखनऊ के लिए तो अब बस एक ही रास्ता है — दोनों मैच जीतना और अन्य टीमों के नतीजों पर भी भरोसा करना। अगर वे अगले दो मैच खो देते हैं, तो उनकी प्लेऑफ की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धर्मशाला का पिच क्यों बैटिंग-फ्रेंडली है?
धर्मशाला की ऊँचाई और जमीन की संरचना के कारण गेंद जमीन से अच्छी तरह उछलती है और बल्लेबाजों को शॉट्स खेलने में आसानी होती है। यहाँ की हवा भी गेंद को हल्का कर देती है, जिससे छक्के आसानी से निकलते हैं। लेकिन स्पिनर्स के लिए यहाँ गेंद घूमती नहीं, इसलिए वे ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाते।
पंजाब की टीम अब प्लेऑफ के लिए कितनी नजदीक है?
पंजाब के पास अब 15 पॉइंट्स हैं, और वे टॉप फोर में शामिल होने के लिए सिर्फ एक और जीत की जरूरत है। उनका नेट रन रेट भी अच्छा है, जिससे वे अगर अगले मैच जीत जाएं तो बिना किसी अन्य टीम के नतीजे का इंतजार किए प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई हो सकते हैं।
प्रभसिमरन सिंह का प्रदर्शन क्यों इतना खास था?
प्रभसिमरन ने इस मैच में बस 48 गेंदों में 91 रन बनाए — जिसमें 11 चौके और 5 छक्के शामिल थे। ये उनकी पहली बार IPL में नाबाद 90+ स्कोर था। उन्होंने टीम को बेहद तेज शुरुआत दिलाई, जिससे बाकी बल्लेबाज आराम से खेल सके। इस तरह का बल्लेबाजी अभिनय आजकल बहुत कम देखने को मिलता है।
लखनऊ की टीम के लिए अब क्या रास्ता है?
लखनऊ को अब अपने बाकी दो मैच जीतना होगा, और साथ ही दूसरी टीमों के नतीजों पर भी भरोसा करना होगा। अगर वे दोनों मैच हार गए, तो उनकी प्लेऑफ की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी। अगर वे जीत गए, तो उन्हें बाकी टीमों के नेट रन रेट के हिसाब से देखना होगा।