तमिलनाडु के कल्लकुरिची जिले में गैरकानूनी शराब पीने से हुई मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सरकारी मोहन कुमरमंगलम मेडिकल कॉलेज, सेलम में एक और मरीज की मौत हो जाने से अब तक कुल 58 लोगों की जान जा चुकी है। यह घटना राज्य में एक गंभीर संकट और अव्यवस्था की स्थिति को उजागर करती है।
अभी भी 156 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इनमें से सात मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। मुख्य अस्पतालों में जेआईपीएमईआर, पुदुचेरी; सरकारी विल्लुपुरम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, मुंडीयमपक्कम; और सरकारी मोहन कुमरमंगलम मेडिकल कॉलेज, सेलम शामिल हैं। दो नए मरीज रविवार रात और सोमवार सुबह आए, जिन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराया गया।
इस त्रासदी के कारण राज्यभर में विरोध की लहर फैल रही है। एआईएडीएमके ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए, जिनका नेतृत्व पार्टी के महासचिव एडप्पादी के. पलानि स्वामी ने किया। पलानि स्वामी ने डीएमके सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले तीन साल के डीएमके शासन में शराब और नशीली गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पर भी निशाना साधा, उन्हें अक्षम बताया और मुख्यमंत्री पर अपनी सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। इस नाराजगी से राज्य की जनता में भी आक्रोश बढ़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि राज्य में अवैध शराब का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है और सरकार इसे नियंत्रित करने में असफल रही है। शराब माफिया खुलेआम गैरकानूनी शराब बेच रहे हैं, जिससे जनता की जान को खतरा बढ़ रहा है।
निवासियों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल कड़े कानून और कड़ी कार्यवाही से ही संभव है। वे चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस पर काबू पाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँ।
डीएमके सरकार ने अपने बचाव में कहा कि वे इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। अधिकारियों ने बताया कि गैरकानूनी शराब के खिलाफ कई ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
राज्य सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे गैरकानूनी शराब से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
राज्य में इस त्रासदी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती भी सवालों के घेरे में आ गई है। स्थानीय अस्पतालों की बढ़ती मरीज की संख्या को संभालने में कठिनाई हो रही है। सरकार ने अतिरिक्त मानव संसाधन और चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने की घोषणा की है ताकि सभी मरीजों को उचित इलाज मिल सके।
इसके अलावा, सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे भविष्य में ऐसी किसी भी घटना का सामना करने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत हो सके।
इस त्रासदी को देखते हुए आवश्यक है कि शराब के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो और राज्य में अवैध शराब के प्रचलन को खत्म किया जाए। राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस को मिलकर इसे नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए और जनता को भी इसमें सहयोग देना चाहिए।
इसके साथ ही, लोगों को जागरूक बनाना भी आवश्यक है। उन्हें यह समझाना चाहिए कि अवैध शराब का सेवन उनकी जान को कितना बड़ा खतरा हो सकता है। इसके लिए स्थानीय संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी।
इस घटना ने तमिलनाडु के निवासियों को काफी झकझोर दिया है और यह समय की माँग है कि संबंधित अधिकारी इसे गम्भीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएँ। राज्य की जनता को सुरक्षित और स्वस्थ माहौल प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है और अब प्रशानिक ढांचे को भी इसका हिस्सा बनना होगा।
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क रहना चाहिए और अवैध धंधों की जानकारी होने पर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए। जनता की सुरक्षा की दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण है। आगे की स्थिति पर नजर बनाए रखना भी आवश्यक है ताकि ऐसी घटनाएँ फिर से न हो।
उपरोक्त सभी तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि कल्लकुरिची की घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है, और अब यह समय आ गया है कि सरकार और प्रशासन मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें।
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