मंगलवार की सुबह, कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के जेवर्गी तालुक के गौनाली क्रॉस के पास एक भयानक सड़क हादसे में महंतेश बिलगी (51), उनके भाई शंकर बिलगी (55) और उनकी बहन ईरन्ना शिरासांगी (53) की मौत हो गई। ये तीनों व्यक्ति बेलगावी जिले के रामदुर्ग से कलबुर्गी की ओर जा रहे थे — एक पारिवारिक शादी में शामिल होने के लिए। लेकिन उनकी इनोवा कार अचानक नियंत्रण खोकर सड़क किनारे पलट गई। जैसे ही घटना हुई, स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। बचाव अभियान तुरंत शुरू हुआ, लेकिन दुर्घटना का नतीजा बहुत भारी था।
एक अधिकारी, एक परिवार, एक बड़ा नुकसान
महंतेश बिलगी कर्नाटक कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी थे और कर्नाटक राज्य खनिज निगम लिमिटेड (केएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक थे। कुछ स्रोतों के अनुसार, वे कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बेसकॉम) के मैनेजिंग डायरेक्टर भी थे। वे सिर्फ एक अधिकारी नहीं थे — वे एक ऐसे नेता थे जिनके निर्णयों से खनिज उत्पादन, नौकरियां और राज्य की आर्थिक योजनाएं प्रभावित होती थीं। उनकी मौत से केएसएमसीएल के अंदर हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों में शोक सभा का आयोजन किया। कुछ ने आंखें भर लीं, कुछ चुपचाप प्रार्थना करने लगे। यह सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि एक संस्थान के दिल का धड़कन बंद होना था।
हादसे का अचानक आना
हादसा लगभग सुबह 8:30 बजे हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार जेवर्गी बाईपास के पास एक सीधी सड़क पर तेज रफ्तार से जा रही थी। कुछ स्रोतों के अनुसार, अचानक सड़क पर एक कुत्ता आ गया, ड्राइवर ने अचानक स्टीयरिंग घुमाई — और फिर सब कुछ अंधेरा हो गया। दूसरे स्रोतों का कहना है कि कार डिवाइडर से टकरा गई। दोनों ही विवरणों में एक बात सामने आती है — नियंत्रण खो गया। गाड़ी की विंडशील्ड टूट गई, डिब्बे घुटने तक टेक गए। जैगरन के फोटोज़ दिखाते हैं कि गाड़ी इतनी तेजी से पलटी कि उसका छत जमीन को छू रहा था।
शंकर और ईरन्ना को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया। महंतेश को जल्दी से निजी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उनके शरीर में गहरे आंतरिक चोटें थीं। डॉक्टरों ने लगभग घंटों तक उनकी जान बचाने की कोशिश की — लेकिन बचाव असफल रहा।
सड़क का खतरनाक इतिहास
इस घटना के बाद, आसपास के निवासियों ने बताया कि यह सड़क खंड लंबे समय से खतरनाक है। "हम हर हफ्ते यहां दुर्घटना की खबर सुनते हैं," एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा। "यहां स्पीड लिमिट का कोई ध्यान नहीं लिया जाता। कोई रेड कैमरा नहीं, कोई स्पीड ब्रेकर नहीं।" पुलिस ने भी स्वीकार किया है कि इस रास्ते पर अक्सर अतिक्रमण होता है। आज तक के रिकॉर्ड में इसी रास्ते पर पिछले तीन साल में 17 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 9 लोगों की मौत हुई।
जांच चल रही, लेकिन सवाल बढ़ रहे
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। कलबुर्गी पुलिस आयुक्त कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम सभी संभावित कारकों की जांच कर रहे हैं — वाहन की तकनीकी स्थिति, सड़क की दशा, चालक की नींद या शराब का प्रभाव, यहां तक कि वाहन के टायर और ब्रेक की स्थिति भी।" लेकिन यहां एक बड़ा सवाल उठता है: क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी, या एक लंबे समय तक नजरअंदाज किए जाने वाले खतरे का अंतिम परिणाम?
कर्नाटक सरकार के एक मंत्री ने कहा, "उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।" लेकिन लोग पूछ रहे हैं — क्या उनकी याद तभी रखी जाएगी जब उनकी मौत के बाद जांच शुरू हो जाए? क्या यह बार-बार हो रही दुर्घटनाओं का अंत होगा, या फिर एक और नाम बन जाएगा एक और रिपोर्ट में?
क्या आगे होगा?
अब तक की जांच यह दर्शाती है कि यह एक खुद से हुआ दुर्घटना था। लेकिन लोगों के दिलों में एक और सवाल बैठ गया है: क्या इस दुर्घटना के बाद सरकार वास्तव में इस सड़क को सुरक्षित बनाएगी? या फिर अगले दुर्घटना के बाद ही कोई कार्रवाई होगी? कलबुर्गी के डिप्टी कमिश्नर ने मौके पर आकर कहा कि "हम तुरंत इस सड़क खंड की जांच करेंगे और सुरक्षा उपायों को अपडेट करेंगे।" लेकिन यह वादा पहले भी किया जा चुका है।
महंतेश बिलगी की आत्मा की शांति के लिए लोग प्रार्थना कर रहे हैं। लेकिन उनके परिवार और समाज के लिए अब एक और प्रार्थना है — कि इस दुर्घटना का अंतिम नतीजा किसी और की जान न बचाए, बल्कि किसी और की जान बचाने के लिए बदलाव लाए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महंतेश बिलगी कौन थे और उनकी मौत से क्या प्रभाव पड़ा?
महंतेश बिलगी 2012 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी थे और कर्नाटक राज्य खनिज निगम लिमिटेड (केएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक थे। उनकी मौत से राज्य के खनिज विकास और नियामक निर्णयों में गंभीर खालीपन पैदा हो गया है। उनके नेतृत्व में कई खनिज खदानों का आधुनिकीकरण हुआ था। अब उनके स्थान पर नए अधिकारी तक नियुक्त नहीं हुए हैं, जिससे नीति निर्माण में देरी हो सकती है।
हादसे की वजह क्या हो सकती है?
अभी तक आधिकारिक निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, लेकिन शुरुआती जांच में दो संभावनाएं सामने आ रही हैं — एक, कार के आगे अचानक कुत्ता आने से ड्राइवर का नियंत्रण खो जाना; दूसरा, सड़क के डिवाइडर से टकराना। टेक्निकल जांच में ब्रेक, टायर और स्टीयरिंग की स्थिति भी जांची जा रही है। चालक की नींद या शराब का प्रभाव भी जांच का हिस्सा है।
इस सड़क पर पहले भी दुर्घटनाएं हुई हैं?
हां, जेवर्गी बाईपास का यह खंड पिछले तीन साल में 17 बार दुर्घटनाओं का स्थल रहा है, जिनमें 9 लोगों की मौत हुई। लोगों ने बार-बार स्पीड ब्रेकर और कैमरों की मांग की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह एक ऐसी सड़क है जहां तेज रफ्तार और अनदेखा करने की आदत बन चुकी है।
क्या सरकार ने इस मामले में कोई वादा किया है?
कलबुर्गी के डिप्टी कमिश्नर ने घटना के बाद तुरंत जांच और सुरक्षा सुधार का वादा किया है। राज्य सरकार ने भी शोक व्यक्त किया है। लेकिन यह वादा पिछले दुर्घटनाओं के बाद भी किया गया था — और कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब लोग यह देख रहे हैं कि क्या यह बार भी सिर्फ शब्दों में ही रह जाएगा।