हर्मनप्रीत ने हर्लीन को फटकारा, भारत‑ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप में दो लगातार हार

हर्मनप्रीत कौर, भारत की महिला क्रिकेट कप्तान, 36 वर्ष ने वर्ल्ड कप 2025 महिला क्रिकेट टी‑20 मैचACA‑VDCA क्रिकेट स्टेडियम, विजाकपट्टन के दौरान हर्लीन डोल को खुलके फटकारा, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने रोमांचक पीछा करके भारत को लगातार दूसरी हार दिला दी।

मैच का सारांश और विवाद की पृष्ठभूमि

भारत ने 35वें ओवर में 234/3 बनाए थे, जब ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज मेगन शुट्ट ने एक स्लो डिलीवरी फेंकी। हर्मनप्रीत ने स्लाइस मारते हुए कवर फील्डर को गेंद देकर जल्दी सिंगल लेने की कोशिश की। वहीं हर्लीन डोल ने मध्य पिच से लौटते हुए गेंदबाज की ओर तेज़ फेंक दिया, जिससे हर्मनप्रीत को डाइव मारना पड़ा। वह बच निकली, पर तुरंत ही कैप्टन हर्मनप्रीत ने डोल को बड़बड़ाया, "ऐसे भूल कर क्या देख रही हो!" जैसा वाक्य। डोल ने सिर नीचे करके जवाब नहीं दिया।

वहां से सिर्फ़ एक ओवर बाद, हर्मनप्रीत को शुट्ट की एक स्लो शॉर्ट बॉॉल पर एलिस पेर्री के बैकवर्ड पॉइंट पर पकड़े गए फील्डर एली पेर्री ने खींच लिया और 22 रन पर आउट कर दिया। तब भारत का स्कोर 236/4 था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 13 रनों के जरूरत से कम में लक्ष्य हासिल कर ली।

टीम की रणनीति और चुनौतियाँ

मुख्य कोच अमोल मज़ुंदर ने अभी तक केवल पाँच फ्रंट‑लाइन बॉलर ही घुसे हैं। अक्सर हर्मनप्रीत और प्रतिका रावल को छठे गेंद के तौर पर ओवर देना पड़ता है। इस मैच में अमनजोत कौर को पाँचवीं बॉलिंग विकल्प के रूप में प्रयोग किया गया, लेकिन उनकी ऑवर कुछ हद तक टाइट रही। कोच मज़ुंदर ने बाद में कहा, "हमारी बॉलिंग में गहराई नहीं है, इसलिए हमें अगली मैचों में विकल्पों को पुनः देखना होगा।"

बेटींग क्रम में, ओपनर स्मृति मंदाना और प्रतिका रावल ने अर्धशतक बनाया, पर 35वें ओवर तक हर्मनप्रीत की दो तेज़ बाउंड्रीज़ ने रफ्तार बढ़ा ली थी। तब भी टीम का कुल रन‑रेट 6.5/ओवर से ऊपर था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पावरहिटिंग ने स्ट्रैटेजी को उलट दिया।

ऐतिहासिक तुलना और भावी राह

ऐतिहासिक तुलना और भावी राह

ये लड़ाई 2017 के वही डेरबी में हुई याद दिलाती है, जब हर्मनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171* बना कर दुनिया को चौंका दिया था। उस दैविक innings के बाद ऑस्ट्रेलियाई कोच मैथ्यू मोट्ट ने कहा था, "यह एक शर्मनाक क्षण था, लेकिन हमें इसका नहीं, बल्कि सुधार करने का मौका मिला।" आज का हार, भले ही दर्दनाक है, लेकिन यह टीम को नई रणनीति अपनाने का संकेत भी दे सकता है।

वर्ल्ड कप के अगले ग्रुप मैच में भारत को दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड का सामना करना पड़ेगा। विशेषज्ञों की राय है कि यदि टीम बॉलिंग में दो‑तीन नए चेहरों को जोड़ ले और हर्मनप्रीत को स्थिर भूमिका मिल सके, तो आगे की राह में सुधार संभव है।

भविष्य की तैयारी और संभावित बदलाव

कोच मज़ुंदर ने कहा है कि टीम के भीतर एक खुला वार्तालाप चल रहा है, जहाँ खिलाड़ी अपनी भूमिकाओं पर स्पष्टता चाहते हैं। "हर्मनप्रीत की भावना समझ में आती है, पर टीम को एकजुट रहना होगा," उन्होंने कहा। इस बात से स्पष्ट है कि अगली मीटिंग में बॉलर‑बेटिंग संतुलन को फिर से देखना प्राथमिकता होगी।

  • मुख्य खिलाड़ी: हर्मनप्रीत कौर (कैप्टन), हर्लीन डोल, अमनजोत कौर
  • मुख्य बॉलर: मेगन शुट्ट (ऑस्ट्रेलिया), इल्ली पेर्री (ऑस्ट्रेलिया)
  • कोच: अमोल मज़ुंदर
  • स्थान: ACA‑VDCA क्रिकेट स्टेडियम, विजाकपट्टन
  • टॉर्नामेंट: वर्ल्ड कप 2025 महिला टी‑20
समापन टिप्पणी

समापन टिप्पणी

कुल मिलाकर, भारत ने एक मजबूत लक्ष्य बनाया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की तेज़ी भरी पिचिंग और दबाव ने टीम को दो‑सिर्हाना दिया। हर्मनप्रीत की उत्सुकता समझ में आती है, पर वह अब टीम को फिर से संगठित करने का काम करेगी। अगली लड़ाई में यदि बॉलिंग में लचीलापन आए, तो भारत के पास फिर से जीत की संभावनाएँ होंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हर्मनप्रीत की फटकार का कारण क्या था?

35वें ओवर में हर्लीन डोल द्वारा गेंद को देर से वापस करने की वजह से हर्मनप्रीत को रन‑आउट से बचना पड़ा। यह सीमा के भीतर का एक बड़ा गड़बड़ी थी, जिससे कैप्टेन ने तुरंत टीम के भीतर अनुशासन की जरूरत महसूस की और डोल को फटकारा।

भारत की बॉलिंग में मुख्य कमजोरी क्या दिखी?

टीम में केवल पाँच फ्रंट‑लाइन बॉलर उपलब्ध थे, जिससे ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े ही टॉप‑ऑर्डर के खिलाफ दबाव कम रहा। अतिरिक्त रूप से, अमनजोत कौर को पाँचवीं विकल्प के रूप में प्रयोग करने से बॉलर‑बेटिंग संतुलन बिगड़ गया।

अगले मैच में भारत किन बदलावों की उम्मीद कर रहा है?

कोच मज़ुंदर ने बॉलर‑बेटिंग के संतुलन को फिर से देखने की बात कही है। संभावित तौर पर अतिरिक्त स्पिनर या तेज़ गेंदबाज को शामिल करने की चर्चा चल रही है, साथ ही हर्मनप्रीत को बैटिंग में लम्बी पारी बनाने की दिशा में समर्थन दिया जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया ने इस जीत में कौन‑सी प्रमुख रणनीति अपनाई?

ऑस्ट्रेलिया ने अंत के ओवर में तेज़ डैडली रन बनाए, खासकर 13 रनों की आवश्यकता वाले अंतिम 12 बॉल में 14 रन बना कर लक्ष्य हासिल किया। उनका लुभावना स्मॉल‑बॉल प्ले और फील्डिंग में तेज़ी ने भारत की बचाव क्षमताओं को दबाव में डाल दिया।

हर्मनप्रीत की 2017 की यादगार पारी का वर्तमान टीम पर क्या असर है?

2017 की 171* पारी ने हर्मनप्रीत को एक मैंडेट बनाकर दिखाया कि वह बड़े दबाव में भी चैंपियनशिप को बदल सकती हैं। यह यादगार पारी अब टीम के मनोबल को उठाने और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का स्रोत बनी हुई है, बावजूद इसके कि वर्तमान में भारत को फिर से बैटिंग स्थिरता बनानी होगी।

टिप्पणि

  1. Namrata Verma

    Namrata Verma अक्तूबर 12, 2025 AT 22:21

    हर्मनप्रीत की फटकार तो जलती हुई आग जैसा दिखा, लेकिन असली दांव क्या था, समझ नहीं आया!!!

  2. Tanvi Shrivastav

    Tanvi Shrivastav अक्तूबर 19, 2025 AT 21:01

    अरे वो तो बिलकुल सही कह रही थी, हर्लीन को सिखाइना चाहिए था कि बॉल कब वापस दे… :)

  3. Prince Naeem

    Prince Naeem अक्तूबर 26, 2025 AT 19:41

    दबाव जब व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के साथ मिल जाता है, तो कप्तान की तीखी प्रतिक्रिया कभी‑कभी टीम के सामूहिक संतुलन को बिगाड़ देती है।

  4. sanjay sharma

    sanjay sharma नवंबर 2, 2025 AT 18:21

    अगर बॉलिंग में और दो क्वालिटी स्पिनर जोड़ें तो ऑस्ट्रेलिया की मिड‑ओवर स्ट्रैटेजी को कंट्रोल किया जा सकता है।

  5. SIDDHARTH CHELLADURAI

    SIDDHARTH CHELLADURAI नवंबर 9, 2025 AT 17:01

    कोच के तौर पर मैं कहूँगा कि हर्मनप्रीत को अभी भी भरोसा बनाये रखना चाहिए 👍 टीम को सकारात्मक ऊर्जा की जरूरत है।

  6. Deepak Verma

    Deepak Verma नवंबर 16, 2025 AT 15:41

    भारत ने कुल 236 रन बनाये थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 235 पर जीत हासिल की।

  7. Hansraj Surti

    Hansraj Surti नवंबर 23, 2025 AT 14:21

    ये मैच वास्तव में कई स्तरों पर एक कहानी सुनाता है। पहला स्तर है खिलाड़ियों की व्यक्तिगत भावनाओं का टकराव। हर्मनप्रीत का उत्साह देखना एक ऊर्जा का स्रोत था। फिर भी वह ऊर्जा कभी‑कभी टीम के भीतर टकराव को जन्म देती है। हर्लीन की प्रतिक्रिया भी एक संकेत थी कि दबाव सभी को समान रूप से नहीं लेता। तकनीकी तौर पर भारत की बल्लेबाजी मजबूत थी, लेकिन गेंदबाज़ी में गहराई कमी रही। कोच के बयान से साफ़ होता है कि बॉलिंग में विकल्पों की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया ने अंत के ओवर में तेज़ रन बनाकर जीत को सुरक्षित किया। यह दिखाता है कि क्लॉज़ के अंत में तेज़ी कितनी महत्वपूर्ण है। भविष्य की रणनीति में स्पिनर या तेज़ गेंदबाजों को जोड़ना आवश्यक होगा। साथ ही बॉलर‑बेटिंग संतुलन को फिर से देखना पड़ेगा। टीम के भीतर खुला संवाद भी बहुत जरूरी है। यह संवाद खिलाड़ियों को अपने रोल समझने में मदद करेगा। अंत में हर्मनप्रीत को स्थिरता की जरूरत है, ना कि केवल उत्साह की। यही बदलाव टीम को फिर से जीत की राह पर ले जा सकता है 🙂

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