पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ हरिस रफ़ ने दूसरे टी20 में न्यूज़ीलैंड से 136 रन के लक्ष्य को सिर्फ 13.1 ओवर में चकमा देते हुए हुए टीम की हार के बाद एक तीखा बयान दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि देश में अब खिलाड़ियों की बारी‑बारी से आलोचना होना सामान्य हो गया है। "हमारी टीम के युवा खिलाड़ी मौका पा रहे हैं, पर लोग उनसे तुरंत ही ‘गलती’ ढूँढ लेते हैं," रफ़ ने कहा।
यह बात खास तौर पर उन लोगों के लिए थी जो टीम की हर छोटी‑छोटी गलती पर जलते हैं और बस यही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि कुछ ही लोग टीम को असफल देखना चाहते हैं ताकि उनका सख़्त इज़हार हो सके। "ऐसे लोग हैं जो हमारी हार का इंतज़ार कर रहे हैं, बस एक बार गिरते ही उनका बहाना बन जाता है," उन्होंने कहा।
सालमन अली आघा की कप्तानी में पाकिस्तान ने इस श्रृंखला में समस्या झेली है। दूसरे मैच में 135/9 का छोटा स्कोर बनाकर 15 ओवर में ही टीम को पीछे छोड़ना पड़ा, जबकि न्यूज़ीलैंड ने बिना ज्यादा कठिनाई के जीत हासिल की। रफ़ ने दो विकेट लिए, लेकिन टीम की कुल कमी को भर पाना मुश्किल रहा।
रफ़ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान का क्रिकेट अब पहले जैसा नहीं रहा, लेकिन उत्साह तब तक नहीं खोना चाहिए जब तक टीम अपने नए कोंबिनेशन को आज़मा रही है। "हम अभी निर्माण चरण में हैं, कई प्रयोग किए जा रहे हैं, और उन प्रयोगों में हार‑जीत दोनों होंगी," उन्होंने जोड़ दिया।
तीसरे टी20 में रफ़ ने न सिर्फ तीन विकेट लिए, बल्कि पहले ओवर में फिन एलेन को एक हाथ से शानदार कैच से भी बाहर किया। यह कैच उनके आत्मविश्वास को और बढ़ा गया, और उन्होंने चार ओवर में केवल 29 रन देकर शानदार प्रदर्शन किया। अपने क्वॉलिटी को बचाने वाले क्विक बॉलर्स ने भी बताया कि सीमित साइज के ग्राउंड, तेज़ हवा और कभी‑कभी बाउंड्री से बाहर जाने वाले टॉप एज़ेस ने उन्हें असहज बना दिया, लेकिन गेंदबाज़ी की वास्तविक कड़ी मेहनत को नहीं घुमा सकते।
एक और बुड़िया तो रफ़ के सामने आई, वह है उनका हैमस्ट्रिंग इन्शुर्ड। इस चोट ने उन्हें 2025 के एमएलसी से बाहर कर दिया और साथ ही बांग्लादेश के खिलाफ अपकमिंग सीरीज में उनकी उपस्थिति को भी दुविधा में डाल दिया। फिर भी रफ़ ने कहा, "हमारी युवा पीढ़ी को समय चाहिए, यदि हमें धैर्य रखेंगे तो कल की सफलता तय है।"
रफ़ की आशा है कि फैन और मीडिया दोनों ही युवा खिलाड़ियों को सिखाने के बजाय सिखाने के अवसर दें। इस तरह का सहारा मिलने से पाकिस्तान क्रिकेट को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक दिखाने में मदद मिलेगी।
आखिरकार, रफ़ की बातें सिर्फ व्यक्तिगत ब्योरे नहीं हैं, ये पूरे पाकिस्तान क्रिकेट के पुनरुत्थान की लहर को दर्शाती हैं। टीम की निरंतर हारें आलोचना को बढ़ा रही हैं, पर जब युवा खिलाड़ी खुद को साबित करने की कोशिश में लगे होते हैं, तो उन्हें ठोस समर्थन चाहिए। रफ़ की आवाज़ इस बात की याद दिलाती है कि धैर्य और आशा के बिना कोई भी निरंतर सुधार नहीं हो सकता।
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