दीपावली 2025: 6 दिन का दीपोत्सव, 18‑23 अक्टूबर विस्तारित तिथियां

जब दीपावली 2025 नई दिल्ली का पहला दिन आया, लोग आश्चर्यचकित हुए – इस साल का तिहार पाँच दिन नहीं, बल्कि छह दिन तक चलेगा। मुख्य दीपावली सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि धन्‍त्रे­s (Dhanteras) शनिवार, 18 अक्टूबर और रविवार, 19 अक्टूबर दोनों को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दोहरी धन्‍त्रे‑स्मरण ने पूरे उत्सव को ‘दीपोत्सव’ बना दिया है।

दीपावली 2025 का कैलेंडर: विस्तृत समय‑सूची

प्रमुख कैलेंडर स्रोत ड्रिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे समाप्त होगी (नई दिल्ली समय)। वही अँधेरा Dallas, Texas में 20 अक्टूबर सुबह 5:14 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर 7:24 बजे समाप्त होगा। इस अंतर से कई क्षेत्रों में मुख्य तिथि 20 या 21 अक्टूबर तय होती है।

  • 18 अक्टूबर (शनिवार) – धन्‍त्रेस : धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा।
  • 19 अक्टूबर (रविवार) – छोटा दीपावली (नरक चतुर्दशी / काली चौदस)
  • 20 अक्टूबर (सोमवार) – मुख्य दीपावली (लक्ष्मी‑गणेश पूजा, प्रादोष काल 5:58‑8:25 PM, लाक़्ष्मी मुहूर्त 7:08‑8:18 PM)
  • 22 अक्टूबर (बुधवार) – गोवर्धन पूजा
  • 23 अक्टूबर (गुरुवार) – भाई दूज

धन्‍त्रेस की दोहरी तिथि: क्यों?

धन्‍त्रेस को अक्सर धन्‍त्रे‑योजनायॉधि कहा जाता है, पर 2025 में इसे दो दिन तक बढ़ाया गया क्योंकि रविवार को पारम्परिक रूप से छोटी दीपावली (नरक चतुर्दशी) मनाया जाता है। इस वर्ष दोनों दिवसों को धन्‍त्रेस‑संकल्प माना गया, जिससे व्यवसायी वर्ग को दो दिवसीय बही‑खाते की शुद्धि का अवसर मिला।

एख्‍विज़िटोर और पंडित डॉ. रणवीर सिंह कहते हैं, “धन्‍त्रेस का दो‑दिनीय विस्तार यह दर्शाता है कि आधुनिक व्यावसायिक माहौल में वित्तीय शुद्धि की महत्ता बढ़ गई है।”

क्षेत्रीय विविधताएँ और अतिरिक्त तिथियाँ

भारत के कई राज्य अपने‑अपने रीति‑रिवाज़ों के कारण दीपावली को और भी विस्तारित करते हैं। महाराष्ट्र में गोवाँष द्वादशी से उत्सव शुरू होता है, जबकि गुजरात में अज्ञारस और लभ पंचमी दो दिन पहले प्रारम्भ होते हैं। इन विविधताओं के कारण कुछ शहरों में पाँच‑दिनीय पैकेज को छह या सात दिन तक बढ़ाया जा सकता है।

धार्मिक महत्व और मुख्य देवताओं की पूजा

दीपावली का प्रमुख तत्त्व धन, प्रकाश और अच्छाई की जीत को दर्शाता है। इस दौरान देवी लक्ष्मी के अलावा भगवान कृष्ण (गोवर्धन पूजा) और भाई दूज में भगवान विष्णु की कृपा भी मनाई जाती है। व्यवसायिक समुदाय अपने कार्यालयों में डावट (स्याही की बोतल) और लेखनी (कलम) को देवी महाकाली के सामने रखकर शुद्ध करता है, जबकि नई खाता‑पुस्तकों को देवी सरस्वती के समक्ष अर्पित किया जाता है।

देश‑विदेश में उत्सव: सामाजिक‑आर्थिक प्रभाव

प्रत्येक वर्ष जितनी बड़ी धूमधाम से दीपावली मनाई जाती है, उतनी ही बढ़ती आर्थिक गतिविधियां देखी जाती हैं। रिटेल, मिठाई, वस्त्र और सजावटी वस्तुओं की बिक्री 20‑30 % तक बढ़ जाती है। नई दिल्ली में 2025 के दौरान लगभग 4 मिलियन दीपावली‑संबंधित व्यावसायिक लेन‑देन दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, अमेरिकी डैलास, सिंगापुर और लंदन जैसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों ने भी अपने‑अपने स्थानीय स्तर पर समान तिथियों को अपनाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक हल्की सी हलचल छिड़ी है।

एक स्थानीय व्यापारी, मनोज वर्मा, ने कहा, “हम इस साल दो दिनों का धन्‍त्रेस मौक़ा लेकर विशेष ऑफ़र चलाएंगे, क्योंकि ग्राहक अपने घर और खाते दोनों को शुद्ध करना चाहते हैं।”

आगे क्या?

भविष्य में भी दीपावली का कैलेंडर चंद्र‑सूर्य सिद्धांत पर आधारित रहेगा, पर तकनीक‑आधारित कैलेंडर एप्स की मदद से अधिक सटीक मुहूर्त जानने में सुविधा होगी। 2026‑27 में मुख्य तिथियां निवारण के साथ आगे बढ़ेंगी, पर 2025 की दो‑दिनीय धन्‍त्रेस का प्रयोग संभावित रूप से अगले वर्षों में भी दोहराया जा सकता है, यदि व्यापारी वर्ग और धार्मिक संगठनों की मांग बनी रहे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दीपावली 2025 में मुख्य तिथि क्यों बदल सकती है?

मुख्य तिथि अमावस्या तिथि के प्रादोष काल में पड़ने पर निर्भर करती है। यदि अमावस्या का अंत समय 21 अक्टूबर तक रहता है, तो कुछ क्षेत्रों में 21 को मुख्य दीपावली माना जाता है, जबकि अन्य में 20 को। यही कारण है कि कैलेंडर में दोनों तिथियां दिखाई देती हैं।

धन्‍त्रेस को दो दिन मनाने से कौन‑से लाभ होते हैं?

धन्‍त्रेस के दो‑दिनिया उत्सव से घर‑परिवार और व्यवसायी दोनों को धन‑सम्पदा की पूर्ति के लिए अतिरिक्त समय मिलता है। इससे व्यापारिक पुस्तकों की शुद्धि, नई बही‑खाते की पूजाऔर सामाजिक रूप से परिवार के बीच बंधन मजबूत होते हैं।

नया साल 2026 में दीपावली कब पड़ेगी?

ड्रिक पंचांग के अनुसार, दीपावली 2026 शुक्रवार, 6 नवम्बर को मनाई जाएगी। वही तिथि अगले वर्ष के कैलेंडर में भी लागू होगी, पर स्थानीय तिथि‑विचार में थोड़ा अंतर रह सकता है।

क्या विदेशों में भी इस अतिरिक्त धन्‍त्रेस का पालन होगा?

हां, मुख्यतः अमेरिकी और यूरोपीय भारतीय डायस्पोरा ने भी 18‑19 अक्टूबर को धन्‍त्रेस मनाने की घोषणा की है। वे स्थानीय समय के अनुसार प्रार्थना एवं शॉपिंग सेल आयोजित करेंगे।

दीपावली के दौरान किन आर्थिक क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ मिलता है?

रिटेल, मिठाई‑निर्माण, सजावटी वस्तुएँ और ई‑कॉमर्स सबसे अधिक लाभ देखते हैं। 2025 में दिल्ली‑एनसीआर में ई‑कॉमर्स बिक्री 28 % बढ़ी, जबकि छोटे व्यवसायों में 15 % तक वृद्धि दर्ज की गई।

टिप्पणि

  1. Bikkey Munda

    Bikkey Munda अक्तूबर 19, 2025 AT 19:10

    धनतेरस का मूल उद्देश्य घर की समृद्धि को लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से जोड़ना है। इस दिन नए बर्तन और सोने-चाँदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है।

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