दिल्ली में 6 अक्टूबर को भारी बारिश‑ग्रेम, पश्चिमी विघटन का असर

जब महेश पल्लावत, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक Skymet Weather Services ने कहा कि इस गुरुवार (6 अक्टूबर 2025) दिल्ली‑एनसीआर में तेज़ बौछारें और बिजली‑तूफ़ान होगा, तो आम जनता का मन एक ही बात सोच रहा था – बारिश पर ही नहीं, बल्कि इस मौसम के साथ जुड़ी धुंध और वायु‑गुंज की स्थिति पर। India Meteorological Department (आईएमडी) और DD News ने भी समान चेतावनी जारी की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ‘पश्चिमी विघटन’ (Western Disturbance) ने पूरे उत्तरी भारत को अपना जाल बिछा दिया है।

पश्चिमी विघटन और दिल्ली में मौसमी बदलाव

पश्चिमी विघटन एक ऐसा मौसमीय घटनाक्रमदिल्ली है, जो समुद्री तटों से उठते नमी‑भरे बादलों को उत्तर की ओर धकेलता है। इस बार बाएँ ओर बंगाल की खाड़ी से उमस और दाएँ ओर अरब सागर से ठंडी हवाएँ मिलकर एक जटिल दबाव‑प्रणाली बनायीं, जिससे दिल्ली में तीव्र वर्षा की संभावना बढ़ गई।

आईएमडी के अनुसार आज शाम 26 °C तापमान, 89 % आर्द्रता और पश्चिम‑उत्तरी‑पश्चिम दिशा से 6 km/h की हल्की हवा चल रही है। यूवी‑इंडेक्स 6 (उच्च) है, जबकि बादलों के कारण सूर्य का सीधा असर कम है। जैसा कि Times of India ने रिपोर्ट किया, 19.97 mm वर्षा की संभावना 91 % तक पहुँच गई है।

विस्तृत तापमान‑वायु‑आर्द्रता आँकलन

डिल्ली की आज की अधिकतम ऊँचाई 27 °C और न्यूनतम 21 °C रही, जो पिछले दिनों की तुलना में 3‑4 °C ठंडी है। रात में 23 °C‑25 °C के बीच तापमान रहने की उम्मीद है। बारिश के साथ‑साथ, हवा की गति 30‑40 km/h तक पहुँच सकती है, जबकि तेज़ झोंके 50 km/h तक ऊँचे हो सकते हैं।

  • सभी क्षेत्रों में औसत वर्षा: 19.97 mm
  • आर्द्रता: 89 %
  • हवा की दिशा: पश्चिम‑उत्तरी‑पश्चिम
  • हवा की गति: 6 km/h (नरम), तुफ़ानी झोंके 30‑50 km/h
  • वीज‑तूफ़ान की संभावना: उच्च

विपरीत रूप से, AQI.in ने ए़यर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 100 (मध्यम) बताया, जिसमें PM2.5 45 µg/m³ और PM10 93 µg/m³ दर्ज किए गए। कोलेन मोनोऑक्साइड 1125 µg/m³ तक पहुँचा, जिससे नमी‑युक्त हवा में प्रदूषण के फँसने की संभावना बढ़ती है।

विशेषज्ञों की राय और संभावित प्रभाव

विशेषज्ञों की राय और संभावित प्रभाव

महेश पल्लावत ने कहा, “खाड़ी से आ रही ईस्ट्रीली और दक्षिण‑पश्चिमी हवाओं का मिलन न केवल जम्मू‑कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारीश लाएगा, बल्कि दिल्ली‑पंजाब‑हरियाणा में मध्यम वर्षा की संभावना को भी बढ़ाएगा।” इस बात का असर सिर्फ खेत‑खरिहानों पर नहीं, बल्कि ट्रैफ़िक‑जाम और विद्युत‑कटौती पर भी पड़ेगा।

शहरी क्षेत्रों में नमी के कारण धुंध और पंखे‑मोटर के संचालन में बाधा आती है, जिससे जल‑जनित सड़कों पर फिसलन बढ़ती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तेज़ बारिश के बाद अस्थायी जल‑भराव, विशेषकर दिल्ली के उत्तर सीमावर्ती इलाकों में, जोखिमपूर्ण हो सकता है।

प्रभावित क्षेत्रों में संभावित जोखिम

दिल्ली के साथ‑साथ उत्तरी पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में भी समान परिस्थितियों की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और बादल‑फूट (cloud burst) से घाटी‑नदियों का जल‑स्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में जल‑प्रवाह की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

यदि आप बाहर जाने की योजना बना रहे हैं, तो इस बात को याद रखें: तेज़ हवाओं के कारण पेड़‑पत्थर गिर सकते हैं, और बिजली‑कँडे में इलेक्ट्रिकल उपकरणों के साथ सावधानी बरतें।

आगे की भविष्यवाणी और तैयारी सुझाव

आगे की भविष्यवाणी और तैयारी सुझाव

आईएमडी ने कहा, 7‑8 अक्टूबर तक मौसम धीरे‑धीरे साफ़ होगा, लेकिन तापमान 30‑33 °C के बीच रहेगा और रात के तापमान 20‑22 °C तक गिर सकता है। 9 अक्टूबर से पश्चिम‑उत्तरी‑पश्चिमी हवाओं के कारण आर्द्रता घटेगी और सुहाना मौसम फिर से लौटेगा।

स्थानीय प्रशासन ने सुझाव दिया है:

  1. छाते, वाटरप्रूफ़ जूते और रेनकोट साथ रखें।
  2. सुबह 6‑8 बजे तक के हल्के वॉक‑हाइक बेहतर रहें, क्योंकि दोपहर की बादलों के बाद बारिश का तीव्रता बढ़ती है।
  3. भीड़‑भाड़ वाले रूट्स से बचें; ट्रैफ़िक‑जाम के कारण वायु‑प्रदूषण की मात्रा बढ़ सकती है।
  4. घर में खिड़कियों को कसकर बंद रखें और सिलेंडर‑हाइड्रेंटर की जाँच करें।

संक्षेप में, इस बारिश‑सत्र का मुख्य संदेश है – तैयार रहें, लेकिन ज़्यादा घबराएँ नहीं। नमी‑भरी हवा और मध्यम प्रदूषण के बीच सही सावधानी अपनाने से आप सुरक्षित रह सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दिल्ली में इस बारिश से दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

बिजली‑कटौती, ट्रैफ़िक‑जाम और फिसलन वाले सड़कें मुख्य परेशानियाँ होंगी। काम‑काज वाले लोग सुबह के शुरुआती घंटों में बाहर जाने पर बेहतर रहेगा, जबकि दोपहर‑शाम में छाते और वाटरप्रूफ़ जूते रखना अनिवार्य होगा।

पश्चिमी विघटन का असर दिल्ली के बाहर कौन‑से क्षेत्रों तक रहेगा?

हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में भी समान बौछारें और धुंध की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और बादल‑फूट का जोखिम विशेष रूप से अधिक है।

हवा‑गति और बजली‑तूफान की संभावनाएँ कितनी गंभीर हैं?

तूफान के दौरान हवाओं का वेग 30‑40 km/h तक पहुँच सकता है, जलंत में तेज़ झोंके 50 km/h तक बढ़ सकते हैं। बिजली‑कँडे का जोखिम उच्च बताया गया है, इसलिए खुले में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग वर्जित रखें।

आगामी दिनों में मौसम कैसा रहेगा?

7‑8 अक्टूबर तक मौसम धीरे‑धीरे साफ़ होगा, लेकिन तापमान 30‑33 °C के बीच रहेगा। 9 अक्टूबर से पश्चिम‑उत्तरी‑पश्चिमी हवाओं के कारण आर्द्रता घटेगी और हल्का सुखद मौसम लौट आएगा।

वायु‑प्रदूषण स्तर पर बारिश का क्या असर होगा?

बारिश के कारण धूल और कण नीचे गिरते हैं, जिससे AQI अस्थायी रूप से घट सकता है। लेकिन लगातार नमी के कारण द्रव‑रूप में गैसें फँस सकती हैं, इसलिए घर के अंदर हवा की गुणवत्ता पर नजर रखें।

टिप्पणि

  1. Vidit Gupta

    Vidit Gupta अक्तूबर 6, 2025 AT 21:06

    बहुत ही सटीक जानकारी, धन्यवाद! पश्चिमी विघटन के बारे में आपने जो आंकड़े दिये हैं, वो बहुत उपयोगी हैं; लोगों को तैयारी में मदद मिलेगी।

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