दरजीलीं लैंडस्लाइड: दुदिया आयरन ब्रिज का टुकड़ा‑टुकड़ा होना, मौतों की संख्या में बढ़ोतरी

जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री ने 5 अक्टूबर को दिनभर बरसते भारी मोनसून की खबर सुनते ही अपनी ही टाइप‑फेस से संवेदना व्यक्त की, तब दरजीलीं जिला में चल रही दरजीलीं लैंडस्लाइड की भयावह छवि आधी रात के बाद भी गूँज रही थी। मंगलवार‑रात, 4 अक्टूबर 2025 को शुरू हुई तेज़ बारिश ने पहाड़ी भू‑संकल्पना को बेहोश कर दिया, जिससे कई बंकर‑स्लाइड और बाढ़ की लहरें साथ‑साथ आएँ।

सबसे बड़ी दुर्घटना तब हुई जब दुदिया आयरन ब्रिज, जो मिरिक‑कुर्सेओन्ग को जोड़ता है, अचानक नीचे गिर गया। इस पुल को शिलिगुड़ी‑दरजीलीं SH12 हाइवेज़ का अहम कड़ी माना जाता था; पुल के गिरने से सैकड़ों यात्रियों और स्थानीय लोग पूरी तरह कट गए। रिपोर्टों में मौतों की संख्या अब तक 7 से 23 के बीच बदलती दिख रही है—जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने अभी‑तक अपना सर्वे चलाया है।

घटना की पृष्ठभूमि और मौसमी स्थिति

इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 5 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक लाल चेतावनी जारी रखी है। इस चेतावनी में लगातार भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ और बाढ़ संभावनाओं को हाइलाइट किया गया था। दरजीलीं के पहाड़ी इलाकों में पहले भी 2018‑19 में इसी तरह की लैंडस्लाइड ने सड़कों को बंद कर दिया था, पर इस बार बारिश का तेज़ी और निरंतरता पहले कभी नहीं देखी गई।

भारी बारिश और लैंडस्लाइड का प्रभाव

जैसे ही बारिश ने बवंडर की गति पकड़ी, चार प्रमुख शारीरिक बिंदुओं—चिट्रे, दिलाराम, व्हिसल खोला और रोहिणी—पर लैंडस्लाइड ने सड़कों को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया। राष्ट्रीय हाईवे 10 चिट्रे पर बंद हो गया, राष्ट्रीय हाईवे 717 भी अनुपलब्ध रह गया। रोहिणी रूट, जो दरजीलीं‑शिलिगुड़ी को जोड़ता है, को भी विशाल मलबे ने ढक दिया, और पुल पुलबज़र को नुकसान पहुँचा।

बुनियादी ढाँचे की स्थिति और पुनःस्थापना कार्य

दरजीलीं सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस प्रवीन प्रकाश, सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा, “व्हिसल खोला और दिलाराम की सड़कों को साफ़ किया जा रहा है; एक‑तीन घंटे में टॉरिंग फॉर्मेशन फिर से चल सकेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि रोहिणी रूट पर कार्य NHIDCL के अधिकार में है, इसलिए इससे अधिक समय लग सकता है।

गॉरखा‑टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) ने सभी पर्यटन स्थल बंद कर दिए हैं। “पर्यटकों को स्थानीय बचाव दलों के साथ मिलकर सुरक्षित रहने का निर्देश दिया गया है,” GTA के प्रवक्ता ने कहा। जिला अधिकारी प्रीति गोयल, जिला अधिकारी ने कहा कि वे पुटी पुल के पुनःनिर्माण के लिए आधिकारिक इंजीनियरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, “ताकि जल्द‑से‑जल्द लोगों को फिर से जुड़ा जा सके।”

सरकारी एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया

सरकारी एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया

प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, NDRF ने तीन बेस—दरजीलीं, शिलिगुड़ी और अलिपुर्दूआर—से 150 से अधिक जवानों को आपदा स्थल पर तैनात किया है। उनका मुख्य लक्ष्य खोज‑बीन, घायल लोगों का इलाज और बचे हुए लोगों को अस्थायी शिविर में शरण देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर “दरजीलीं में पुल गिरने से हुई हानी पर गहरा शोक” लिखते हुए कहा, “हम पूरे दिल से पीड़ितों के साथ हैं, और जल्द‑से‑जल्द मदद पहुँचाने की पूरी कोशिश करेंगे।” उनके बयान के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल आपातकालीन सहायता पैकेज की घोषणा की, जिसमें राहत सामग्री, मोबाइल मेडिकल टीम और अस्थायी आवास शामिल है।

आर्थिक और पर्यटन पर प्रभाव

दरजीलीं अपनी चाय बाग़ और पर्यटन के लिए जाना जाता है; अब इस वर्ष के सर्दी‑छुट्टी के सीजन में कई हज़ार यात्रियों का रद्द हो जाना स्थानीय होटल, रेस्तरां और ट्रैवल एजेंसियों को आर्थिक झटके में डाल रहा है। गॉरखा पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2024‑25 में दरजीलीं ने लगभग 1.2 करोड़ रुपये की आय की थी, जिसका 40% सीजन के प्रमुख मंदी से प्रभावित हो सकता है।

स्थानीय फसलियों, विशेष रूप से चाय बाग़ों में भी जल‑से‑मिट्टी की लहर ने नुकसान पहुंचाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बरसात के बाद रॉयल डेरज के फसलियों में 15‑20% उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे राष्ट्रीय निर्यात पर भी असर पड़ेगा।

आगे की संभावनाएँ और भविष्य की तैयारियाँ

आगे की संभावनाएँ और भविष्य की तैयारियाँ

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि जब तक लाल चेतावनी जारी है, किसी भी प्रकार की यात्रा जोखिम भरा रहेगा। साथ ही, निकट भविष्य में पुनःस्थापना कार्य का प्राथमिक लक्ष्य दुदिया आयरन ब्रिज को अस्थायी रूप से पुनः स्थापित करना और मुख्य हाईवे को फिर से ओपन करना है। “हम अगले 48 घंटों में महत्वपूर्ण बिंदुओं को साफ़ करने की कोशिश करेंगे,” प्रकाश ने आश्वासन दिया।

एक ओर जहाँ स्थानीय लोग राहत सामग्री और आश्रय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना—जैसे ढलानों की मजबूती, जल‑विकिरण और रियोन्ट्रीज—के लिए विशेषज्ञों को जोड़ने की बात कही है। एक बार फिर बारिश ने दिखा दिया कि पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचा कितना संवेदनशील है; लेकिन सभी उम्मीद करते हैं कि इस कठिनाई के बाद नयी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित होगी।

Frequently Asked Questions

दुदिया आयरन ब्रिज के गिरने से स्थानीय लोग कैसे प्रभावित हुए?

ब्रिज के बिना मिरिक और कुर्सेओन्ग के बीच का झटका कट गया। इससे कई परिवारों को भोजन, स्वास्थ्य सेवाओं और व्यापारिक सामान तक पहुँचने में बाधा उत्पन्न हुई, और कई लोग अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हो गए।

सरकार ने अभी तक कितनी मदद प्रदान की है?

केंद्रीय सरकार ने तत्काल राहत पैकेज जारी किया, जिसमें फ्लैट-टैन्ट, खाद्य सामग्री और मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ शामिल हैं। साथ ही NDRF ने 150 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है और कई बचाव मिशन चल रहे हैं।

लैंडस्लाइड की मुख्य वजह क्या बताई गई है?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, लगातार तेज़ बारिश और पहाड़ी भू‑संरचना की अस्थिरता ने स्लाइड का कारण बना। बारीकी से पहाड़ों में कटाव और वर्षा‑जल स्तर में अचानक वृद्धि ने इस आपदा को जन्म दिया।

पर्यटन पर क्या असर पड़ेगा?

गॉरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन ने सभी पर्यटन स्थल बंद करने की घोषणा की है, इसलिए आने वाले महीने में प्रवासियों की संख्या घटेगी। स्थानीय होटल, रेस्तराँ और गाइड्स को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

आगामी दिन में पुनःस्थापना कार्य का अनुमानित समय क्या है?

दरजीलीं पुलिस के प्रवीन प्रकाश ने कहा कि मुख्य रास्तों को साफ़ करने में दो‑तीन घंटे लग सकते हैं, पर रोहिणी रूट जैसी जटिल सड़कों को पूरी तरह खोलने में कई दिन लग सकते हैं। दुदिया ब्रिज के अस्थायी समाधान पर अगले 48 घंटों में कार्य शुरू होगा।

टिप्पणि

  1. Sampada Pimpalgaonkar

    Sampada Pimpalgaonkar अक्तूबर 6, 2025 AT 02:46

    दरजीलीं में हुई लैंडस्लाइड ने पूरे इलाके को हिला दिया है। लोग अभी भी बचाव इकाइयों की मदद की उम्मीद कर रहे हैं। सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन वितरण में कठिनाइयाँ दिख रही हैं। स्थानीय लोग एक-दूसरे की मदद में लगे हैं, यह देखना अच्छा लगता है। आशा है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।

  2. Chinmay Bhoot

    Chinmay Bhoot अक्तूबर 6, 2025 AT 05:00

    ऐसी आपदा हमेशा सरकार की लापरवाही का नतीजा होती है।

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