अब तक अमेरिका की राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं, और 2024 का राष्ट्रपति चुनाव उन सभी में सबसे ज्यादा चर्चित और महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। देश एक बार फिर अपना 47वां राष्ट्रपति चुनने के लिए तैयार है। इस बार की राष्ट्रपति पद की दौड़ में मुख्य उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला है। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में राजनीति में सक्रिय चेस ओलिवर, चिकित्सक जिल स्टीन और राजनीतिक कार्यकर्ता कॉर्नेल वेस्ट भी अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस बार के चुनाव परिणाम 5 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, जो कि अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं। खासकर अगर हम देखा जाए कि पिछले चुनावों में जनता का रूझान कैसे रहा है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि किस प्रकार का झुकाव इस बार के चुनावों में सामने आता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समय में 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर जोर दिया था, जो मुख्य रूप से अमेरिकी नियोक्ताओं पर केंद्रित रहा, और इसी कारण से माना जा रहा है कि यह नीति उन देशों के लिए चिंता का विषय हो सकती है जहां की आबादी अमेरिका में रोजगार तलाश रही है, विशेष रूप से भारत के लिए।
दूसरी तरफ, कमला हैरिस की जीत को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि वे अमेरिका के केंद्रीय रिजर्व के द्वारा दरों में कटौती की दिशा को समर्थन प्रदान कर सकती हैं, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक को भी अपने देश में दरों में रियायत प्रदान करने की संभावना बढ़ जाएगी। यह भारत के आर्थिक माहौल में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
यह चुनाव लोकतंत्र की अनेकों भौतिक और मानसिक रूप में जांच की प्रक्रिया है। चुनावों में अमेरिकी जनता सीधे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करती है। इसके बजाय वे निर्वाचक मण्डल के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं, जो आगे जाकर राष्ट्रपति के लिए मतदान करते हैं। इस मण्डल में कुल 538 सदस्य होते हैं जो 50 राज्यों से चुने जाते हैं।
अमेरिका के चुनावी प्रक्रिया में निर्वाचक मण्डल की अवधारणा शुरुआत से ही है। राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 270 निर्वाचकों का समर्थन प्राप्त करना आवश्यक होता है। यह प्रक्रिया अमेरिकी चुनाव को न सिर्फ रोचक बनाती है, बल्कि इसके जटिल नियम भी इसे एक विशेष किस्म का चुनाव बनाते हैं। इसके अलावा, एक राष्ट्रपति चयन से पहले उम्मीदवार को तीन महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करना होता है - उसे अमेरिका का प्राकृतिक नागरिक होना चाहिए, कम से कम 14 वर्षों के लिए देश का निवासी होना चाहिए, और उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
यह चुनाव प्रक्रिया राष्ट्रपति बनने के लिए एक लंबी और जटिल यात्रा होती है। उम्मीदवारों को न केवल लोगों के बीच जागरूकता पैदा करनी होती है, बल्कि उन्हें विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा करने होते हैं और यह देखना होता है कि जनता उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देती है। इसके अलावा, उम्मीदवारों को अपने पक्ष में अपने प्रचार अभियानों को भी गंभीरता से लेना होता है, क्योंकि यह मतदान के अंतिम निर्णय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वर्ष 2024 के चुनाव के परिणामों की घोषणा 5 नवंबर को की जाएगी, और जो उम्मीदवार विजयी होगा, वह 20 जनवरी 2025 को पदभार ग्रहण करेगा। चुनाव का परिणाम मुख्य रूप से उन प्रांतों के परिणामों पर आधारित होगा, जहां किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बढ़त नहीं है। इन प्रांतों के परिणामों से ही देश के अगले चार साल की दिशा तय होगी।
अमेरिका के इस महत्वपूर्ण चुनाव में शामिल हर पात्रता और चुनाव प्रक्रिया ने लोकतंत्र की गहराईयों को दर्शाया है। जैसे-जैसे चुनाव पास आता जा रहा है, विश्व भर की नज़रें अमेरिका पर टिकी हैं कि कौन सा नया अध्याय इतिहास के पन्नों में जुड़ने जा रहा है।
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